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दिल्ली में करीब दो महीने बाद सार्वजनिक परिवहन सेवा बहाल, दिए गए अहम निर्देश

दिल्ली में करीब दो महीने बाद, सार्वजनिक परिवहन सेवा मंगलवार को बहाल हो गई. सड़कों पर ऑटो और टैक्सियों के अलावा 2,000 बसें चली, लेकिन इनमें सीमित संख्या में सवारियों ने यात्रा की

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Aditi Sharma
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लॉकडाउन( Photo Credit : फाइल फोटो)

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दिल्ली में करीब दो महीने बाद, सार्वजनिक परिवहन सेवा मंगलवार को बहाल हो गई. सड़कों पर ऑटो और टैक्सियों के अलावा 2,000 बसें चली, लेकिन इनमें सीमित संख्या में सवारियों ने यात्रा की. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन को बहाल करने के संबंध में विभाग सभी जरूरी सावधानी बरत रहा है. उन्होंने लोगों से मास्क पहनने और एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम का पालन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया.

गहलोत ने कहा कि मंगलवार को 2,000 से अधिक बसें सड़कों पर उतरीं. इसके अलावा करीब 1,400 बसें राजस्व और पुलिस विभाग के पास प्रवासियों को रेलवे स्टेशन पहुंचाने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में ड्यूटी में सहयता के लिए हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में बसों की संख्या और बढ़ेगी क्योंकि दूसरे पड़ोसी राज्यों में रह रहे चालक ड्यूटी पर आएंगे. शहर में सार्वजनिक बसों की संख्या 6,500 है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हमने कुछ टर्मिनल और बस स्टैंड पर बस में चढ़ने से पहले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग शुरू कर दी है. हम सभी व्यस्त बस स्टैंड पर इसे लागू करने का प्रयास करेंगे.अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है.’’

दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और क्लस्टर बस सेवा शुरू हो गयी है और कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम और सैनेटाइजर का इस्तेमाल तथा मास्क पहनने जैसे सुरक्षा उपायों को लागू किया गया है। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘जितना संभव हो रहा है, उतनी ज्यादा बसें चलाने की हम कोशिश कर रहे हैं. लेकिन कई बसें विशेष अनुबंध के काम में लगी हैं और कुछ चालक तथा परिचालक एनसीआर के शहरों में रहते हैं, इसलिए उन्हें ड्यूटी पर आने में परेशानी हो रही है. आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होगा. ’’ उन्होंने बताया कि सुबह में बस सेवा बहाल होने के बाद से कोई बड़ी दिक्कत सामने नहीं आई। हालांकि कुछ इलाकों में लोगों को थोड़ा लंबे समय तक तक इंतजार करना पड़ा। सूत्रों ने बताया कि ग्रामीण इलाके में कुछ क्लस्टर बसों का परिचालन नहीं हो पाया क्योंकि लॉकडाउन की अवधि के वेतन भुगतान की मांग को लेकर ड्राइवर काम पर नहीं आए। एक सूत्र ने बताया, ‘‘ढिचाऊं कलां, कंझावला, कैर और बवाना डिपो से कई क्लस्टर बसें नहीं चलीं क्योंकि लंबित वेतन भुगतान की मांग कर रहे ड्राइवरों ने काम पर आने से मना कर दिया. ’’

शहर में आटो रिक्शा और टैक्सी यूनियन ने दावा किया कि यात्रियों की संख्या को लेकर पाबंदी के चलते उनकी सेवाएं प्रभावित हुईं. दिल्ली आटोरिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा, ‘‘सरकार ने एक आटो में केवल एक यात्री की इजाजत दी है जिसे बदलकर कम से कम दो यात्री किया जाना चाहिए। इस नियम के चलते कई चालकों को रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को ना कहना पड़ा.’’ सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन आफ दिल्ली के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने कहा, ‘‘हमारे अधिकतर चालक सदस्यों ने अपने वाहन बाहर निकाले लेकिन उन्हें कोई सवारी नहीं मिली क्योंकि अधिकतर लोग अपने घरों में रहे। हम उम्मीद करते हैं आने वाले कुछ दिनों में स्थिति में सुधार होगा.’’ .

Source : Bhasha

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