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पेशे से प्रोड्यूसर, लेकिन लोगों से करता था ठगी, जानें क्या है पूरा मामला

दक्षिण दिल्ली के मैदान गढ़ी थाना पुलिस ने एक बॉलीवुड प्रोड्यूसर को जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया है. इस प्रोड्यूसर ने 6 हिंदी फिल्मों में बतौर प्रोड्यूसर काम किया है. आरोपी ने दिल्ली में सस्ती दरों में लोन देने के नाम पर 32 लाख की ठगी की.

Updated on: 02 Aug 2021, 01:05 PM

highlights

  • हिन्दी फिल्मों का प्रोड्यूसर, लोगों से करता था ठगी
  • लोन दिलाने के नाम पर लाखों रूपए लेकर हो जाता था गायब
  • अब तक 6 फिल्में कर चुका था प्रोड्यूस

नई दिल्ली:

दक्षिण दिल्ली के मैदान गढ़ी थाना पुलिस ने एक बॉलीवुड प्रोड्यूसर को जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया है. इस प्रोड्यूसर ने 6 हिंदी फिल्मों में बतौर प्रोड्यूसर काम किया है. आरोपी ने दिल्ली के एक पीड़ित को सस्ती दरों में लोन देने के नाम पर 32 लाख की ठगी की, जो अपने नाम को बदलकर जालसाजी को अंजाम देता था. इसे पहले स्पेशल सेल और मुंबई क्राइम ब्रांच भी गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपी ने पीड़ित व्यवसायी को 65 करोड़ का लोन देने के नाम पर 32 लाख ऐंठ लिए और बाद में उसे चकमा देने लगा. आरोपी सीरीन प्राइवेट लिमिटेड (Serene Pvt. Ltd.) का मालिक है और अब तक 6 बॉलीवुड फिल्में- ओवरटाइम, भड़ास, लव फिर कभी, रण बांका, सस्पेंस और साक्षी को प्रोड्यूस कर चुका है. इस आरोपी ने पहले भी कई व्यापारियों को सस्ती दरों में करोड़ों का लोन दिलाने के नाम पर ठगी की है.

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सालों से था फरार, अब चढ़ा पुलिस के हत्थे

ये आरोपी साल 2015 से फरार था. पुलिस ने 4 राज्यों मुम्बई, दिल्ली, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में छापेमारी की. लेकिन इसकी गिरफ्तारी मथुरा से हुई. आरोपी किराए के घरों में रहकर लोगों को फंसाता था और अलग-अलग नाम बदलकर मिलता था. उसने अब तक लोगों को कई नाम जैसे संजय अग्रवाल, राकेश शर्मा, विकास कुमार, गुड्डू, रमन और अविनाश बताकर ठगी की घटना को अंजाम दिया. आरोपी ने दिल्ली में कम्पनी सेक्रेटरी का कोर्स किया और ग्रेटर कैलाश में फाइनेंसियल कम्पनी खोली. उसके बाद शेयर बाजार में काम किया, फिर अपनी कम्पनी खोली और धीरे-धीरे लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाने लगा.

पुलिस के हाथों कैसे लगा आरोपी?

पहले यह मामला मेहरौली पुलिस थाने के अंतर्गत पंजीकृत हुआ था और इसके तहत आरोपी की तलाश उसके मुम्बई और दिल्ली के पते पर की गई, लेकिन वहां पर आरोपी को पकड़ा नहीं जा सका. इस दौरान उसका मोबाइल भी बंद था. वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में इस मामले को बाद में मैदान गढ़ी पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया. उसके बाद इस मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया. तब से ही अधिकारी उसकी तलाश में थे, लेकिन आरोपी 2014 से ही अपने ठिकाने बदलते हुए बच रहा था. 

जांच के दौरान पता चला कि साक्षी नाम की एक फिल्म अभी हाल ही में रिलीज हुई है, जो आरोपी द्वारा प्रोड्यूस की गई है. इसके अलावा उसके द्वारा प्रोड्यूस की गई अन्य फिल्मों के बारे में भी पता चला. इसके बाद पुलिस मुंबई गई और फिल्म के टीम के कई सदस्यों से बात करने के बाद पुलिस को आरोपी के मध्य प्रदेश के इंदौर में होने के सुबूत मिले. जिसके बाद पुलिस ने वहां छापेमारी की. हालांकि इस बार भी पुलिस उसे पकड़ने में नाकाम रही, लेकिन उसका मोबाइल नंबर पुलिस को जरूर मिल गया. जिसके बाद पुलिस ने आगे की कार्यवाही की.