जज मुरलीधर के तबादले पर प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कह दी ये बड़ी बात
केंद्र सरकार ने उनके ट्रांसफर को लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. इसको लेकर अब सियासत भी गरम हो गई है
नई दिल्ली:
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के जज जस्टिस मुरलीधर (Justice Muralidhar) का तबादला कर दिया. उनका तबादला आधी रात में किया गया. वे अब पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में पदासीन होंगे. केंद्र सरकार ने उनके ट्रांसफर को लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. इसको लेकर अब सियासत भी गरम हो गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इसको लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद दुखद और शर्मनाक है.
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घटना दुखद और शर्मनाक
प्रियंका गांधी ने कहा कि न्यायमूर्ति मुरलीधर को आधी रात में ट्रांसफर कर दिया. उन्होंने कहा कि यह घटना मौजूदा विवाद को देखते हुए चौंकाने वाला नहीं है. लेकिन यह प्रमाणित रूप से दुखद और शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि लाखों भारतीयों को एक न्यायप्रिय और ईमानदार न्यायपालिका में विश्वास है. न्याय को विफल करने और उनके विश्वास को तोड़ने के सरकार के प्रयास दुस्साहसी हैं. सरकार लोगों के बीच नफरत फैला रही है.
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मुरलीधर ने दिल्ली हिंसा पर दायर याचिका की सुनवाई की थी
बता दें कि मंगलवार आधी रात को जस्टिस मुरलीधर ने दिल्ली हिंसा पर दायर याचिका की सुनवाई की थी और बुधवार को मोदी सरकार (Modi Sarkar) और दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की जमकर खिंचाई की थी और रात में ही उनके तबादले का नोटिफिकेशन जारी हो गया. हालांकि पिछले 12 फरवरी को ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की कॉलेजियम ने जस्टिस मुरलीधर को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में ट्रांसफर की सिफारिश की थी. उनके साथ दो और जजों जस्टिस रंजीत को बॉम्बे हाई कोर्ट से मेघालय और जस्टिस मलिमथ को कर्नाटक से उत्तराखंड हाई कोर्ट भेजा गया है.
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भड़काऊ बयानबाजी पर तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए
न्यायमूर्ति मुरलीधर दिल्ली उच्च न्यायालय के तीसरे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं. दिल्ली में हिंसा को लेकर अपने अंतिम कार्यदिवस पर न्यायमूर्ति मुरलीधर ने महत्वपूर्ण आदेश दिए थे. दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मुरलीधर के घर आधी रात को सुनवाई भी हुई थी. दिल्ली हाई कोर्ट के जज के रूप में उन्होंने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए थे कि वह मुस्तफाबाद के एक अस्पताल से एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता दे और मरीजों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कराया जाए. इसके अलावा उन्होंने यह भी आदेश दिया था कि भड़काऊ बयानबाजी पर तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए.
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