logo-image

एक जैसा मूल्य न होने पर निजी अस्पतालों को मिलेगी ज्यादा वैक्सीन : केजरीवाल

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से कहा है कि वैक्सीन की कीमत एक होनी चाहिए, चाहे केंद्र सरकार खरीदे, राज्य सरकार खरीदे या फिर प्राइवेट अस्पताल.

Updated on: 09 May 2021, 08:49 PM

highlights

  • पत्र में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली में 18-45 साल के 92 लाख लोग हैं
  • सभी सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटलों के लिए वैक्सीन का मूल्य एक समान होना चाहिए
  • केजरीवाल ने कहा, "प्राइवेट हॉस्पिटल को महंगी डोज मिलती है

नई दिल्ली:

कोरोना वैक्सीन के मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर कहा है कि सभी सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटलों के लिए वैक्सीन का मूल्य एक समान होना चाहिए. ऐसा न होने पर अधिक मुनाफा कमाने के लिए वैक्सीन कंपनियां प्राइवेट अस्पतालों को पहले वैक्सीन सप्लाई करेंगी. इस पत्र में उन्होंने दिल्ली को प्रतिमाह 60 लाख वैक्सीन उपलब्ध कराने की भी मांग की है. स्वास्थ्य मंत्री को लिखे गए पत्र में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली में 18-45 साल के 92 लाख लोग हैं, आप सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक को निर्देश दें कि मई से जुलाई के दौरान हर महीने 60 लाख वैक्सीन डोज दिल्ली को सप्लाई करें." मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, 18-45 और 45 से ऊपर के दोनों आयु वर्ग के मद्देनजर दिल्ली को हर महीने 83 लाख डोज चाहिए, ताकि अगले 3 महीने में टीकाकरण पूरा हो सके.

दिल्ली सरकार का कहना है, "अभी दिल्ली में रोजाना एक लाख टीके लगाए जा रहे हैं. अब हम इसको बढ़ाकर तीन लाख तक करने जा रहे हैं, इसलिए हमारी क्षमता 90 लाख टीके प्रति माह लगाने की होगी." मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से कहा है कि वैक्सीन की कीमत एक होनी चाहिए, चाहे केंद्र सरकार खरीदे, राज्य सरकार खरीदे या फिर प्राइवेट अस्पताल.

केजरीवाल ने कहा, "प्राइवेट हॉस्पिटल को महंगी डोज मिलती है. ऐसे में अभी के हालात में वैक्सीन बनाने वाला प्राइवेट अस्पताल को पहले वैक्सीन देगा, क्योंकि सरकार को देने के बजाय प्राइवेट अस्पताल को वैक्सीन देने में उसे ज्यादा मुनाफा होगा." मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से कहा है कि कोविन ऐप में समस्या आ रही है, जिससे आम लोगों का समय व्यर्थ हो रहा है. आप राज्यों को अनुमति दीजिए कि वह टीका लगाने के लिए कोई अपना ऐप या तरीका बना सकें, जिससे लोगों को टीका लगवाने में दिक्कत ना हो और वे लोग भी टीका लगवा सकें जो टेक्नोलॉजी नहीं जानते.