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Delhi Red Fort Blast
Delhi Red Fort Blast: दिल्ली के लाल किला के पास बम ब्लास्ट हुआ, जिसमें अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई है, जो बहुत ही ज्यादा खतरनाक है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, विस्फोट की वजह से कई लोगों के कान के पर्दे क्या फेफड़े और आंतें तक फट गई है. मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के शवगृह में शव रखे गए हैं. अब तक 12 में से छह लोगों की पहचान हो चुकी है.
कई लोगों की क्रॉस-इंजरी पैटर्न के वजह से मौत
मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने बताया कि कुछ लोगों की मौत विस्फोट के वजह से आई गंभीर चोट और अत्यधिक रक्तस्राव से हुई है. कई शवों में तो क्रॉस इंटरी पैटर्न भी सामने आया है. बता दें, क्रॉस इंजरी पैटर्न का मतलब होता है कि विस्फोट की वजह से कुछ लोग दीवार या फिर जमीन से टकरा गए, जिससे लोगों की हड्डियां टूट गईं और उनके सिर में भी गंभीर चोटें आईं हैं.
अधिकांश शवों के ऊपरी हिस्से में चोट
कॉलेज के फोरेंसिक एक्सपर्ट्स की मानें तो कुछ शवों के कान, फेफड़े और पेट तक में विस्फोट की वजह से क्षति हुई है. इससे पचा चलता है कि ये लोग कार के बहुत ही पास थे. खास बात है कि मृतकों के शरीर पर पारंपरिक विस्फोटकों के छर्रों के निशान नहीं मिले हैं. जैसे आमतौर पर लोहे या स्टील फटने से टुकड़े छटक जाते हैं, वैसे इस धमाके में सामने नहीं आया है. पोस्टमार्ट्म रिपोर्ट में सामने आया कि अधिकांश शवों के ऊपरी हिस्से जैसे सिर और छाती पर ज्यादा चोटें थीं.
अलग तरीके के विस्फोटकों का हुआ था इस्तेमाल
शुरुआती जांच में सामने आया है कि विस्फोट में एक नए और संशोधित किस्म के विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया होगा. एजेंसियां वर्तमान में विस्फोटकों के प्रकार और उसके स्रोतों की खोज कर रही है. फोरेंसिक लैब्स में एजेंसियां केमिकल टेस्टिंग कर रही हैं.
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