Uddhav Thackeray Meets Sunita Kejriwal: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गुरुवार, 8 अगस्त को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की. इस महत्वपूर्ण मौके पर उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे, शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत, आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा भी उपस्थित थे. इसके अलावा, उद्धव ठाकरे ने अरविंद केजरीवाल के माता-पिता से भी मुलाकात की.
राजनीतिक गठजोड़ की संभावना
आपको बता दें कि दोनों नेताओं की यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब हाल ही में आम आदमी पार्टी ने महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. इससे राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या आम आदमी पार्टी महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी (MVA) में शामिल होगी. महाविकास आघाड़ी में शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार की एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस शामिल हैं. राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिससे पहले यह गठबंधन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है.
एमवीए की ताकत और आगामी चुनाव
वहीं लोकसभा चुनाव में एमवीए ने सत्तारूढ़ महायुति को बड़ा झटका दिया था. अब आगामी विधानसभा चुनाव में एमवीए के प्रदर्शन को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञों की निगाहें टिकी हुई हैं. आम आदमी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई की मुंबई अध्यक्ष प्रीति शर्मा मेनन ने 5 अगस्त को कहा था कि आप इंडिया गठबंधन का एक मजबूत हिस्सा है. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एक अलग विषय है और इसे स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाएगा.
आम आदमी पार्टी की रणनीति
साथ ही आपको बता दें कि प्रीति शर्मा मेनन के बयान से स्पष्ट होता है कि आम आदमी पार्टी महाराष्ट्र में अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा, ''इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए बना था और उसमें भी हमारी जीत हुई थी. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एक अलग विषय है. यह स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाएगा.'' इससे यह संकेत मिलता है कि आम आदमी पार्टी महाराष्ट्र में स्थानीय मुद्दों पर फोकस करके अपनी रणनीति बना रही है.
शिवसेना (यूबीटी) और आप के संबंध
इसके अलावा आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे और अरविंद केजरीवाल की मुलाकात के पीछे राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने का उद्देश्य भी हो सकता है. महाराष्ट्र में आप की उपस्थिति शिवसेना (यूबीटी) के लिए एक नई चुनौती और अवसर दोनों हो सकती है. अगर आप महाविकास आघाड़ी में शामिल होती है, तो इससे गठबंधन की ताकत और बढ़ सकती है और वे विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति को कड़ी टक्कर दे सकते हैं.