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जिला अदालतों में पुलिस की जगह सीआईएसएफ को तैनात करने की याचिका उच्च न्यायालय में खारिज

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने एक वकील की उस याचिका पर विचार से मना कर दिया

Updated on: 25 Dec 2019, 06:00 AM

दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि जिला अदालतों में आगंतुकों के लिए पुलिस द्वारा मुहैया कराई जा रही मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था “पर्याप्त” है. साथ ही उच्च न्यायालय ने उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें अदालतों की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को दिए जाने की मांग की गई थी. मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने एक वकील की उस याचिका पर विचार से मना कर दिया जिसमें उसने दो नवंबर को तीस हजारी न्यायालय परिसर में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प का हवाला देते हुए शहर की सभी जिला अदालतों से पुलिस को हटाने के पक्ष में तर्क दिए थे.

पीठ ने ऐसा कोई भी निर्देश देने से मना कर दिया और याचिका को खारिज कर दिया. केंद्र सरकार के वकील अनिल सोनी ने पीठ को बताया कि उच्च न्यायालय ने नवंबर में ऐसी ही एक याचिका खारिज कर दी थी. सोनी की दलीलों का संज्ञान लेते हुए अदालत ने कहा, “हम इस रिट याचिका पर विचार करने का कोई कारण नहीं देखते हैं क्योंकि पुलिस की सहायता से जिला अदालतों में चल रही व्यवस्था आगंतुकों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त है. इसलिए, इस रिट याचिका में कोई दम नहीं है. इसे खारिज किया जाता है.” दो नवंबर को हुई घटना में बीस से अधिक पुलिसकर्मी और आठ वकील घायल हुए थे. घटना में तीन वकीलों को गोली भी लगी थी. इसके अतिरिक्त झड़प में कई पुलिस वाहन और निजी दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हुए थे.