करो योग रहो निरोग..कार्यशाला में बुद्धजीवियों ने गिनाएं योग के फायदे

आज योग की चर्चा सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया के कई देश इसे अपना चुके हैं. भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग स्वस्थ रहने के लिए अपने जीवन में योग को अपना रहे हैं.

आज योग की चर्चा सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया के कई देश इसे अपना चुके हैं. भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग स्वस्थ रहने के लिए अपने जीवन में योग को अपना रहे हैं.

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Prashant Jha
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मोरारजी देसाई योग संस्थान( Photo Credit : फाइल फोटो)

योग आज लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है. योग किए बिना बहुत सारे लोगों की दिनचर्या शुरू नहीं होती है.  लोग पार्क, स्टेडियम या क्लासेज में योग करने के लिए घंटों समय निकाल रहे हैं. मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान एवं अंतर विश्‍वविद्यालय योग विज्ञान केंद्र और बेंगलुरु के संयुक्त में संस्थान के सभागार में पातंजल योग सूत्र समाधि पाद में छह दिन की राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है. संस्थान के डायरेक्टर विक्रम सिंह ने योग की महत्ता पर बारिकी से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि आज सरकार भी योग के प्रचार- प्रसार के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करती है. सरकार का फोकस योग के जरिए निरोग करने पर है. योग से असाध्य बीमारियों को ठीक कर सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की चर्चा करते हुए निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि आज योग के जरिए भारत ने दुनिया में अपना परचम लहराया है. दुनिया भारत की प्राचीन संस्कृति को जानकर हैरान है. डायरेक्टर सिंह ने संस्थान में पढ़ रहे छात्रों के लिए रोजगार दिलाने में भी संस्थान की भूमिका पर प्रकाश डाला.

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उन्होंने कहा कि अक्सर लोग मुझसे पूछते हैं कि कर्मचारी से कर्मयोगी कैसे बने तो  मैं कहता हूं कि अपने कर्म के प्रति समर्पण कि भावना से आप एक सच्चे कर्मयोगी बन सकते हैं.  वास्तव में अपने कर्म के प्रति समर्पण की भावना से हम कर्मचारी से कर्मयोगी की तरह अग्रसर होकर अपने साथ- साथ समाज का भी कल्याण कर सकते हैं. आज के दौर में लोगों के जीवन में तनाव भी तेजी से घर कर रहा है. ऐसे में योग ही एक मात्र साधन है जिसके माध्यम से हम सब अपने ऊपर तनाव को हावी नहीं होने दे सकते हैं. एक सप्ताह तक चलने वाली कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को पतंजलि के योगसूत्र की व्यापक जानकारी देना है

ये विद्वान हुए शामिल

छह दिन चलने वाले योग कार्यक्रम के विशेष व्याख्यान के लिए प्रो. अविनाश चंद्र पांडेय, निदेशक, अंतर विश्‍वविद्यालय त्वरक केंद्र, नई दिल्ली और अंतर विश्‍वविद्यालय योग विज्ञान केंद्र बेंगलुरु और प्रो. ओम नाथ बिमली, निदेशक, हिन्दू अध्ययन केंद्र एवं अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, दिल्ली विश्विद्यालय, दिल्ली विशेष रूप से आमंत्रित किए गए थे. इन लोगों ने भी कार्याशाला में योग की विशेषता और महात्म पर अपने-अपने विचार रखें. बता दें कि नई दिल्ली में स्थित मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान में योग का डिप्लोमा, डिग्री समेत कई अन्य कोर्स चलते हैं. इसमें हर साल हजारों छात्र योग-प्रणायम के टिप्स सीखकर बड़ी आबादी को योग सीखा रहे हैं. 

Source : News Nation Bureau

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