दिल्ली सरकार ने मानसून से पहले दिल्लीवासियों की सुविधा के लिए एक बड़ी घोषणा की है. अब राजधानी के लोग नगर निगम (NDMC), दिल्ली नगर निगम (MCD), दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA), लोक निर्माण विभाग (PWD), जल बोर्ड और बाढ़ विभाग से जुड़ी शिकायतें सिर्फ एक हेल्पलाइन नंबर 311 पर दर्ज करवा सकेंगे. इस नई सेवा की घोषणा दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री परवेश साहिब सिंह वर्मा ने NDMC कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के दौरे के दौरान की. मंत्री ने कहा कि हमारा विज़न है ‘वन दिल्ली, वन नंबर’. अब लोगों को यह सोचने की ज़रूरत नहीं होगी कि कौन-सा विभाग किस समस्या के लिए ज़िम्मेदार है. बस 311 पर कॉल करें, शिकायत सीधे संबंधित विभाग तक पहुंच जाएगी.
सभी विभागों की संयुक्त बैठक बुलाई
यह कदम खासतौर से आने वाले मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है. जलभराव, टूटी सड़कें, जाम नालियां या ओवरफ्लो होते सीवर - इन सभी समस्याओं के लिए अब अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. PWD मंत्री ने बताया कि आगामी 2-3 दिनों में सभी संबंधित विभागों की संयुक्त बैठक बुलाई जाएगी. इसमें कमांड सेंटर की कार्यप्रणाली, अधिकारियों की तैनाती, जवाबदेही और तकनीकी एकीकरण को अंतिम रूप दिया जाएगा. मंत्री वर्मा ने बताया कि जिन क्षेत्रों में जलभराव की समस्या रहती है, वहां CCTV कैमरे लगाए जाएंगे, विशेष रूप से उन जगहों पर जहां अभी तक कोई निगरानी व्यवस्था नहीं है. इससे समस्या की तुरंत पहचान हो सकेगी और त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी.
मानसून के दौरान यह सेंटर 24x7 चालू रहेगा
NDMC का कंट्रोल एंड कमांड सेंटर अब दिल्ली के सभी प्रमुख नागरिक विभागों के लिए एक केंद्रीय हब के रूप में काम करेगा. मानसून के दौरान यह सेंटर 24x7 चालू रहेगा, जिससे हर शिकायत की रियल-टाइम मॉनिटरिंग और समाधान सुनिश्चित किया जा सकेगा. जलभराव से तेज़ी से निपटने के लिए दिल्ली के सभी पंपिंग स्टेशनों को स्वचालित प्रणाली से जोड़ा जाएगा. इससे पानी की निकासी तेज होगी और फील्ड टीमों को तकनीकी मदद मिल सकेगी.
हर शिकायत एक केंद्रीय सिस्टम में दर्ज होगी
मंत्री ने कहा कि इस पूरी व्यवस्था का मकसद है कि जनता को अलग-अलग विभागों के चक्कर न काटने पड़ें. हम केवल शिकायत दर्ज नहीं करना चाहते, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि शिकायतों का समय पर और जिम्मेदारी के साथ समाधान हो". इस पहल से न सिर्फ शिकायतों के निपटारे की रफ्तार बढ़ेगी, बल्कि विभागों की जवाबदेही और पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी. हर शिकायत एक केंद्रीय सिस्टम में दर्ज होगी और एक जिम्मेदार अधिकारी से जोड़ी जाएगी.