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बिजली की किल्लत पर NTPC का जवाब, दिल्ली सरकार बना रही बहाना, मात्र 70% ही खरीद हो रही

राजधानी में बिजली किल्लत को लेकर दिल्ली सरकार के आरोपों का एनटीपीसी ने करारा जवाब दिया है. एनटीपीसी के अनुसार, दिल्ली सरकार बिजली की कमी का बहाना बना रही है जबकि उससे 70 फीसदी बिजली ही कंपनियां खरीद रही है.

Updated on: 13 Oct 2021, 03:53 PM

highlights

  • दिल्ली सरकार का आरोप है कि NTPC जरूरत का सिर्फ 50 फीसदी बिजली ही सप्लाई कर रहा है. 
  • एनटीपीसी का कहना है कि दिल्ली मे बिजली की कोई किल्लत नहीं है.

नई दिल्ली:

राजधानी में बिजली किल्लत को लेकर दिल्ली सरकार के आरोपों का एनटीपीसी ने करारा जवाब दिया है. एनटीपीसी के अनुसार, दिल्ली सरकार बिजली की कमी का बहाना बना रही है जबकि उससे 70 फीसदी बिजली ही कंपनियां खरीद रही हैं. तीस फीसदी बिजली को दिल्ली की कंपनियां खरीद ही नहीं रही हैं. बिजली कोटे पर बोलते हुए एनटीपीसी ने कहा कि दादरी प्लांट से जो बिजली का कोटा दिल्ली को मिला है, नवंबर 2020 से उसे दिल्ली की कंपनियों ने खरीदा ही नहींं है. ऐसे में किल्लत होना लाजमी है। वहीं दिल्ली सरकार का आरोप था कि NTPC जरूरत का सिर्फ 50 फीसदी बिजली ही सप्लाई कर रहा है. 

एनटीपीसी ने अपने बयान में क्या कहा है?

एनटीपीसी का कहना है कि दिल्ली मे बिजली की कोई किल्लत नहीं है. उसका कहना है कि कंपनियां NTPC की क्षमता का मात्र 70% बिजली खरीद रही हैं। दादरी-I प्लांट से नवंबर 2020 से किसी कंपनी ने अब तक बिजली की खरीद नहीं की. दादरी-I प्लांट से दिल्ली को 756 मेगावाट बिजली का कोटा उपलब्ध है। 3.2 रु./यूनिट की सस्ती दर पर बिजली देने के बाद भी नहीं खरीद रहे.'

दिल्ली सरकार ने क्या आरोप लगाए?

दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन के अनुसार बिजली संयंत्र कोयले के संकट से जूझ रहे हैं। इसकी वजह से बिजली उत्पादन नहीं हो पा रहा है। जैन के अनुसार,'दिल्ली पड़ोसी राज्यों में कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से बिजली खरीदती है, मगर ये राज्य कोयले के संकट की वजह से बिजली का उत्पादन करने में सक्षम नहीं हैं।'

बिजली मंत्री का दावा है कि 'नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी) को खरीद समझौते के तहत दिल्ली को 3,500 मेगावाट बिजली देनी है। मगर केवल 1,750 मेगावाट बिजली की आपूर्ति ही करी जा रही है, जो समझौते के तहत आधी है.''