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गाजीपुर फूल मंडी से बरामद IED मामले में NSG ने दिल्ली पुलिस को सौंपी रिपोर्ट

गणतंत्र दिवस से पहले हुई इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस और सतर्क हो गई है और भीड़भाड़ वाले स्थानों और बाजारों में गश्त बढ़ा दी गई है.

Updated on: 17 Jan 2022, 04:11 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली के गाजीपुर मंडी से 14 जनवरी को बरामद किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने सोमवार को अपनी एक रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंप दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बरामद IED में अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स के साथ एक टाइमर डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था. दिल्ली पुलिस ने आज इस बारे में जानकारी दी. गाजीपुर फूल मंडी (Ghazipur Flower Market) से एक लावारिस बैग के अंदर टेप से लिपटे आईईडी मिला था. बरामद किए गए इस विस्फोटक का वजन लगभग 1.5 किलोग्राम था. यह आईईडी वहां किसने रखा था अभी इसका पता नहीं चल सका है. आरोपी का सुराग लगाने के लिए दिल्ली पुलिस गाजीपुर में जहां विस्फोटक मिला था, उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है.

गणतंत्र दिवस से पहले हुई इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस और सतर्क हो गई है और भीड़भाड़ वाले स्थानों और बाजारों में गश्त बढ़ा दी गई है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीमें इस मामले में संदिग्धों का सुराग तलाशने के लिए जांच में जुटी हैं.

वहीं, कश्मीर में सक्रिय अलकायदा से जुड़े एक आतंकवादी संगठन ने पिछले हफ्ते गाजीपुर फूल मंडी में आईईडी लगाने की जिम्मेदारी ली है. संगठन ने दावा किया कि तकनीकी गड़बड़ी के कारण गाजीपुर में विस्फोटक नहीं फटा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी योजना विफल हो गई है.

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हालांकि, खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह आईईडी उन विस्फोटकों की खेप का हिस्सा था, जिन्हें पाकिस्तान से भारत में तस्करी कर लाया गया था. इसके साथ ही इसमें स्लीपर सेल का हाथ होने की भी पूरी संभावना है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने पाया है कि गाजीपुर में टेप से लिपटे आईईडी वाले बैग को स्लीपर सेल द्वारा लगाया गया था. बरामद किए गए विस्फोटकों का वजन लगभग 1.5 किलोग्राम था, जिसमें आरडीएक्स और अमोनियम नाइट्रेट दोनों थे और उनमें उच्च तीव्रता वाले विस्फोट की संभावना थी. यह उम्मीद है कि इस तरह के बम स्लीपर सेल के नेटवर्क के माध्यम से चुनाव वाले राज्यों में पहुंचाए गए हैं.

उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में पंजाब पुलिस द्वारा विस्फोटकों की बरामदगी सिर्फ इस कड़ी का एक सिरा है. अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन गतिविधियों में वृद्धि हुई है, कई बार ड्रोन विस्फोटकों को गिराने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, विशेष रूप से टिफिन बम जिनका पता नहीं चल पाता है और उनका इस्तेमाल कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के लिए चुनाव से पहले या चुनाव के दौरान आतंकवादी गतिविधियों में किया जा सकता है. लुधियाना विस्फोट में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था और फिर से हमें दिल्ली के गाजीपुर में आरडीएक्स मिला. यह पाकिस्तान से आई एक खेप का हिस्सा जैसा प्रतीत होता है, जो स्लीपर सेल के माध्यम से दिल्ली पहुंचा है.