दिल्ली में तो बच गए 'आप' विधायक अमानतुल्लाह खान, गाजियाबाद में फंस गए, पीछे पड़ी यूपी पुलिस
दिल्ली (Delhi) के दंगों (जामिया नगर बवाल - Jamianagar Uproar) में जैसे-तैसे आफत गले में पड़ने से बचे आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान (Amanatullah Khan) अब यूपी में जा फंसे हैं.
नई दिल्ली:
दिल्ली (Delhi) के दंगों (जामिया नगर बवाल - Jamianagar Uproar) में जैसे-तैसे आफत गले में पड़ने से बचे आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान (Amanatullah Khan) अब यूपी में जा फंसे हैं. यूपी पुलिस (UP Police) ने गाजियाबाद (Ghaziabad) के थाना कोतवाली में एमएलए के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है. रविवार 18 दिसंबर 2019 को गाजियाबाद के कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर में अकेले आम आदमी पार्टी एमएलए को मुलजिम बनाया गया है. बुधवार को इस मामले में आईएएनएस से बात करते हुए गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने कहा, "एमएलए के खिलाफ 6 विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है. इनमें एक धारा सूचना प्रोद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2008 (IT Act 2008) की भी जोड़ी गई है." यहां उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करके घेरे जाने से ठीक दो-तीन दिन पहले एमएलए का नाम दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जामिया नगर इलाके में हुई खूनी हिंसा-दंगों को लेकर भी चर्चाओं में आया था.
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दिल्ली पुलिस इस मामले में कोई ठोस कानूनी कार्यवाही करने के लिए विधायक के खिलाफ सबूत-आरोप जुटा पाती, उससे पहले एमएलए अमानतुल्लाह खान को यूपी पुलिस ने गाजियाबाद कोतवाली में एफआईआर दर्ज करके घेर लिया. दर्ज एफआईआर में एक अदद आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान का ही नाम मुलजिम के बतौर दर्ज है.
शिकायतकर्ता हरिओम पाण्डेय द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक, "लोकसेवक होने के बाद भी विधायक अमानतुल्लाह खान ने सीधे-साधे युवाओं को नौकरी और लाखों रुपये देने का लालच देकर पहले तो बरगलाया. बाद में गुमराह हुए इन्हीं युवकों के जरिये समाज में विद्वेष की आग भड़का दी. विधायक के भड़काने के बाद ही देश भर में उस नागरिकता संशोधन बिल को लेकर एक जाति-वर्ग विशेष में खलबली मच गई, जिसका अभी तक सही रूप-स्वरूप तक तैयार होकर सामने नहीं आया है."
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एफआईआर के मुताबिक, दो-तीन दिन के अंदर गाजियाबाद में भी जितने दंगा-फसाद हुए, वे सब अमानतुल्लाह खान के इशारे पर ही हुए हैं. ऐसे में शिकायतकर्ता ने आरोपी विधायक के खिलाफ कठोर कार्यवाही किए जाने की शिकायत 22 दिसंबर को गाजियाबाद कोतवाली में दी थी. प्राथमिक छानबीन में जब आरोप सही पाए गए तो उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया था.
उल्लेखनीय है कि 15 दिसंबर रविवार के दिन दिल्ली के जामिया नगर इलाके में हुए दंगों में भी अप्रत्यक्ष रूप से इसी एमएलए का नाम उभरकर सामने आया था. सीधे कोई सबूत न होने के चलते दिल्ली पुलिस लाख चाहकर भी अमानतुल्लाह खान पर हाथ नहीं डाल सकी.
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तमाम संगीन धाराओं के तरह एफआईआर दर्ज करने के बाद से ही गाजियाबाद पुलिस आरोपी विधायक की तलाश में जुटी हुई है. कई जगह छापे भी डाले गए, मगर नामजद विधायक का गाजियाबाद पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लग सका है. गाजियाबाद पुलिस भले ही खुलकर कुछ न बोले, लेकिन हां, यूपी पुलिस के ही एक उच्च पदस्थ सूत्र ने सोमवार को आईएएनएस से कहा, "आरोपी विधायक की गिरफ्तारी के लिए गाजियाबाद पुलिस ने दिल्ली पुलिस से भी मदद मांगी है. इसकी वजह साफ है कि आरोपी दिल्ली का विधायक है. दिल्ली पुलिस के पास उसकी सही और सटीक जानकारी यूपी पुलिस से कहीं ज्यादा होना लाजिमी है." इस सिलसिले में कोशिश करने के बाद भी अमानतुल्लाह खान से संपर्क नहीं हो सका है.
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