logo-image

निर्भया कांड: उपराज्यपाल ने दोषी की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश

पीड़िता की मां ने ‘‘न्याय के लिए कभी खत्म न होने वाले इंतजार’’ को लेकर नाराजगी जाहिर की. दिल्ली सरकार द्वारा दोषियों में से एक विनय शर्मा की दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश करने के एक दिन बाद उपराज्यपाल ने यह सिफारिश की है.

Updated on: 03 Dec 2019, 12:08 AM

दिल्ली:

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 2012 के निर्भया बलात्कार एवं हत्याकांड के दोषियों में से एक की दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश की है. पीड़िता की मां ने ‘‘न्याय के लिए कभी खत्म न होने वाले इंतजार’’ को लेकर नाराजगी जाहिर की. दिल्ली सरकार द्वारा दोषियों में से एक विनय शर्मा की दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश करने के एक दिन बाद उपराज्यपाल ने यह सिफारिश की है. विनय शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर की थी. दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल की सिफारिशें राष्ट्रपति को भेजी जाएंगी जो मामले पर अंतिम फैसला लेंगे.

दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आज, हमें दया याचिका (विनय शर्मा की) को खारिज करने के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी मिल गई है और आज हम अपनी सिफारिशें राष्ट्रपति को भेजेंगे.’’ उन्होंने कहा कि सरकार बलात्कार एवं हत्या के दोषियों के लिए कड़ी सजा चाहती है और नरमी बरते जाने की कोई गुजांइश नहीं है. यह दया याचिका ऐसे समय में खारिज की गई है जब हैदराबाद में हाल में एक पशु चिकित्सक से बलात्कार के बाद उसकी हत्या किए जाने को लेकर देशभर में आक्रोश है. निर्भया 16 दिसंबर 2012 को सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई थी और दोषियों की बर्बरता के चलते बाद में उसकी मौत हो गई थी.

उसकी मां ने ‘‘न्याय के लिए कभी समाप्त नहीं होने वाले इंतजार’’ को लेकर नाराजगी जताई. उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि हैदराबाद में बलात्कार और हत्या की शिकार होने वाली पशु चिकित्सक की मां आरोपियों को सजा मिलते जल्द देख पाएंगी. उन्होंने ‘पीटीआई’ से फोन पर कहा, ‘‘उन्होंने (हैदराबाद में पशु चिकित्सक के अभिभावकों ने) अपनी बेटी खोई है और उनकी न्याय के लिए लड़ाई अभी शुरू हुई है. यह वर्षों तक जारी रहेगी लेकिन मैं नहीं चाहती कि मेरी तरह उन्हें भी न्याय के लिए इंतजार करना पड़े.’’’ निर्भया के दादा लाल जी सिंह ने कहा कि निर्भया के गुनहगारों को फांसी न होने के कारण बलात्कारियों का मनोबल बढ़ा है और इसी वजह से इन घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा . उन्होंने पत्रकारों से कहा कि निर्भया कांड के सात वर्ष बाद भी बलात्कारियों को फांसी पर नहीं चढ़ाया गया, इतने जघन्य कांड के अपराधी अब भी जेल में ही हैं.

उन्होंने कहा कि यदि फांसी हो गई होती तो लोग बलात्कार से पूर्व दहशत में रहते. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बलात्कार को लेकर नया सख्त कानून बनाने की बात कह रही है लेकिन कानून बनाने से क्या हो जायेगा? सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को कानून बनाना हो तो वह यह कानून बनाये कि बलात्कार का आरोपी गिरफ्तार होने के बाद भीड़ के हवाले कर दिया जाये, जनता स्वयं इंसाफ कर देगी. उन्होंने कहा कि जिस दिन बलात्कारी को चौराहे पर खड़ा करके गोली मार दी जायेगी, बलात्कार की घटनाओं पर स्वतः अंकुश लग जायेगा. उन्होंने कहा कि न्यायिक व्यवस्था में व्यापक सुधार की आवश्यकता है ताकि बलात्कार से जुड़े मामले लम्बे समय तक लम्बित न रहें. राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से 2012 के निर्भया मामले के दोषियों की दया याचिका खारिज करने की अपील की है.

आयोग की ओर से जारी बयान के अनुसार एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ ‘‘अमानवीय’’ त्रासदी की घटनाएं बढ़ रही हैं. ऐसे में इस प्रकार के जघन्य अपराधों के दोषियों को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए ताकि मिसाल कायम हो सके क्योंकि ऐसे लोग किसी प्रकार की दया के हकदार नहीं हैं. उन्होंने कोविंद से बलात्कार के इस प्रकार के जघन्य एवं निर्मम मामलों में सभी याचिकाओं के निस्तारण एवं सुनवाई के लिए समयसीमा और निश्चित तंत्र तय करने का सरकार को निर्देश देने की अपील की ताकि शीघ्र न्याय दिया जा सके.

यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता जताते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को केंद्र तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया और उनसे ऐसे मामलों से निपटने के मानक तौर-तरीकों तथा निर्भया फंड के इस्तेमाल के बारे में जानकारी मांगी. गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 की रात को पैरा मेडिकल छात्रा के साथ दिल्ली में चलती बस में बर्बर सामूहिक बलात्कार किया गया था और उसे चलती बस से नीचे फेंक दिया गया था. इस मामले में दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई है.