निर्भया के दोषियों ने आखिरी समय में फांसी से बचने के लिए नई चाल चली है. निर्भया केस (Nirbhaya Case) का ड्रामा अभी रात को और खींच सकता है. दोषी पवन (Pawan) के वकील एपी सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि पटियाला हाउस कोर्ट ने अर्जी पेंडिंग रहने के बावजूद डेथ वारंट पर रोक नहीं लगाई है. अब पवन की ओर से दया याचिका खारिज किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली अर्जी दाखिल होने की प्रकिया में है. निर्भया के माता-पिता अभी हाई कोर्ट में मौजूद है. इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है.
सुप्रीम कोर्ट में अभी तक इस केस की सुनवाई करने वाले तीनों जज जस्टिस भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस बोपन्ना मौजूद हैं. वो इसलिए क्योंकि उनको उम्मीद है कि HC से राहत न मिलने पर दोषी SC का रुख करेंगे. वकील एपी सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी दलील रखते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट ने हमारी याचिका पेंडिंग रहते हुए भी डेथ वारंट पर रोक नहीं लगाई है.
इस पर कोर्ट का सवाल है कि ये कैसी याचिका है. इसमें कोई डेट की लिस्ट नहीं है, पक्षकार किन को बनाया गया, उसका कोई ब्यौरा नहीं है. आपको ऐसी याचिका दाखिल करने की इजाजत कैसे मिल गई. तिहाड़ जेल की ओर से राहुल मेहरा ने कहा कि हमें तो इस बात की भी जानकारी नहीं है कि याचिका कर्ता कौन है. याचिका में सिर्फ लिख दिया गया है- पवन और बाकी लोगों की ओर से.
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बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया मामले (Nirbhaya Case) के चार में से तीन दोषियों की मौत की सजा पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेन्द्र राणा ने अक्षय कुमार, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की मृत्युदंड पर रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी. याचिका में कहा गया है इनमें से एक की दूसरी दया याचिका अब भी लंबित है.
अदालत को सरकारी अभियोजक ने बताया कि दोषी अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका पर सुनवाई किए बिना उसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पहली दया याचिका पर सुनवाई की गई थी और यह अब सुनवाई के योग्य नहीं है. उन्होंने अदालत को बताया कि दोषियों के वकील ए पी सिंह झूठी सूचना दे रहे हैं कि पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका लंबित है और उन्होंने कहा कि सभी दोषियों ने अपने कानूनी उपायों का इस्तेमाल कर लिया है. सिंह ने यह भी कहा कि अक्षय की पत्नी ने बिहार की एक अदालत में तलाक की अर्जी दायर की है जो अभी लंबित है.
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पांच मार्च को जारी किया गया था डेथ वारंट
इस पर विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि कोई अन्य याचिका मौजूदा मामले के कानूनी उपाय के दायरे में नहीं आती है. गौरतलब है कि पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था. चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी.