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निर्भया के दोषियों ने 23 बार तिहाड़ जेल के नियमों को तोड़ा, कमाए इतने लाख रुपये

निर्भया के तीन दोषियों मुकेश, पवन और अक्षय ने 2016 में 10वीं कक्षा में प्रवेश लिया था, लेकिन एग्जाम पास नहीं कर पाए. 2015 में विनय ने स्नातक में प्रवेश लिया, लेकिन पढ़ाई पूरी नहीं कर पाया.

Updated on: 15 Jan 2020, 10:17 AM

नई दिल्‍ली:

निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gangrape Case) के चार दोषियों अक्षय ठाकुर सिंह, मुकेश, पवन गुप्ता और विनय कुमार ने सात साल में तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में 1,37,000 रुपये मेहनताना कमाया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अक्षय ने 69,000 रुपये, पवन ने 29 हजार और विनय ने 39 हजार रुपये कमाए, जबकि मुकेश ने मजदूरी करने से मना कर दिया था. इसके अलावा इनलोगों ने 23 बार नियमों का उल्लंघन भी किया. जेल के नियमों को तोड़ने के लिए विनय को 11 बार सजा भी मिली है, जबकि अक्षय को एक बार सजा दी गई थी. मुकेश ने तीन बार और पवन ने आठ बार नियमों को तोड़ा. 22 जनवरी को सुबह 7 बजे इन चारों को फांसी पर लटका दिया जाएगा. दिल्‍ली में 2012 में एक मेडिकल छात्रा से गैंगरेप करने और हत्या के मामले में इन चारों को दोषी ठहाराया गया था.

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तीन दोषियों मुकेश, पवन और अक्षय ने 2016 में 10वीं कक्षा में प्रवेश लिया था, लेकिन एग्जाम पास नहीं कर पाए. 2015 में विनय ने स्नातक में प्रवेश लिया, लेकिन पढ़ाई पूरी नहीं कर पाया. दोषियों के परिजनों को फांसी से पहले दो बार मिलने की अनुमति दी गई है. मंगलवार को विनय के पिता उससे मिलने आए थे.

इस वारदात को छह लोगों ने अंजाम दिया था. एक दोषी ने जेल में आत्‍महत्‍या कर ली तो दूसरा वारदात के वक्‍त नाबालिग था और अपनी कैद की सजा पूरी कर बाहर है. छह में से चार दोषियों विनय शर्मा, मुकेश कुमार, अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता को 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी पर लटकाने का वारंट पटियाला हाउस कोर्ट ने जारी किया था. नौ जनवरी को विनय और मुकेश ने कोर्ट में क्‍यूरेटिव पिटीशन दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया. अब मुकेश ने तुरंत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर की है. मुकेश ने डेथ वारंट रद्द करने के लिए भी दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका लगाई है. दिल्‍ली हाई कोर्ट में आज इस पर सुनवाई होगी.

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दूसरी ओर, क्‍यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद निर्भया की मां ने कहा कि उन्हें यकीन था कि दोषियों की याचिका खारिज हो जाएगी. उन्हें यकीन है कि चारों को 22 जनवरी को फांसी जरूर होगी. उन्होंने कहा, ‘सुधारात्मक याचिकाएं खारिज होनी ही थी. वह तीसरी बार उच्चतम न्यायालय पहुंचे थे. वह चाहे कोई याचिका दायर करें , हम लड़ने के लिए तैयार हैं. हमें लगता है कि उन्हें 22 जनवरी को फांसी होगी. हम चाहते हैं कि ऐसा हो.'