निर्भया केस: फंदा गले में कसने पर सिर्फ अक्षय की निकली थी चीख, फांसी से बचने को पवन ने किया था ये काम

लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार सात साल बाद निर्भया को इंसाफ मिल गया. निर्भया गैंगरेप के सभी दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई है, लेकिन फांसी पर चढ़ाए जाने से पहले उनकी आखिरी रात बेहद तनावपूर्ण कटी.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
nirbhayaconvicts

निर्भया के दोषी( Photo Credit : फाइल फोटो)

लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार सात साल बाद निर्भया (Nirbhaya) को इंसाफ मिल गया. निर्भया गैंगरेप के सभी दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई है, लेकिन फांसी पर चढ़ाए जाने से पहले उनकी आखिरी रात बेहद तनावपूर्ण कटी. विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, दोषी पवन (Pawan) ने फांसी से एक दिन पहले शुक्रवार शाम को अपने हाथ पर दांत से काट लिया था, ताकि फांसी टल जाए. इसके बाद उसके आसपास राउंड दी, क्लॉक 4 जेल के सिपाही घेरा बनाकर रहे थे, ताकि वह खुद को नुकसान न पहुंचा सके.

Advertisment

यह भी पढ़ेंःशाहीन बाग की महिलाओं को कोरोना वायरस से नहीं लग रहा डर, जनता कर्फ्यू के दिन भी करेंगी प्रदर्शन

सूत्रों के मुताबिक, फांसी कोठरी में 5:15 बजे एंट्री करने से 10 मीटर पहले निर्भया के दोषियों के चेहरे ढक दिए गए थे, ताकि वह अंदर की कोई हलचल न देख सकें. अंदर पिन ड्रॉप साइलेंट के बीच फांसी की प्रक्रिया पूरी गई. वहीं, रात करीब 2 बजे पवन को छोड़कर अक्षय, मुकेश और विनय ने मैगी और लड्डू मंगाकर खाए थे. फांसी का फंदा गले में कसने पर सिर्फ अक्षय की चीख निकली थी, बाकी शांत थे. फंदे पर वही सबसे देर तक तड़पता रहा.

दोषियों ने फांसी के लिए ले जाते समय विरोध नहीं जताया, विनय रोने लगा: तिहाड़ अधिकारी

निर्भया मामले के चार दोषियों में से किसी ने भी उस दौरान कोई विरोध नहीं जताया, जब उन्हें शुक्रवार को फांसी पर चढ़ाए जाने के लिए ले जाया जा रहा था लेकिन विनय शर्मा फूट-फूट कर रोने लगा था. तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने बताया कि फांसी पर चढ़ाये जाने से पहले रात को दोषियों में कोई घबराहट नजर नहीं आई और हां, उन्होंने शुक्रवार को नाश्ता नहीं किया था.

गौरतलब है कि पूरे देश की आत्मा को झकझोर देने वाले इस मामले के चारों दोषियों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई. अधिकारी ने बताया कि चारों दोषियों में शुक्रवार शाम या उस समय कोई घबराहट नजर नहीं आई, जब उन्हें फांसी पर लटकाये जाने के लिए ले जाया जा रहा था. हालांकि, विनय उस समय फूट-फूट कर रोने लगा जब उसे फांसी पर लटकाने के लिए ले जाया जा रहा था.

यह भी पढ़ेंःकनिका कपूर की पार्टी की 'भयावह तस्वीर' आई सामने, कोरोना की चपेट में आ सकते हैं इतने लोग

अधिकारी के अनुसार, सिर्फ विनय शर्मा और मुकेश सिंह ने बृहस्पतिवार की रात को खाना खाया था. उन्होंने कहा कि विनय और मुकेश ने रात में भरपेट खाना खाया था. खाने में रोटी, दाल , चावल और सब्जी थी. अक्षय ने शाम को चाय भी पी थी, लेकिन उसने रात में खाना नहीं खाया. दोषियों ने सुबह स्नान नहीं किया और न अपने कपड़े बदले. चारों दोषी पूरी रात जागते रहे. रात को जब उन्हें खाना दिया गया तो अक्षय ने खाने को हाथ भी नहीं लगाया.

अधिकारी ने बताया कि सुबह जब चारों दोषियों को उठने के लिए कहा गया तो चारों जाग ही रहे थे. उन्हें जब काले कपड़े पहनने के लिए दिए तो विनय ने रोना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की एक अदालत द्वारा जारी अंतिम मृत्यु वारंट के बाद अक्षय कुमार के अलावा सभी दोषियों ने अपने परिवारों से मुलाकात की. मुकेश सिंह के परिवार ने बृहस्पतिवार की दोपहर लगभग 12 बजे उससे मुलाकात की थी. यह बैठक 30 मिनट तक चली थी.

अधिकारी के अनुसार, चार लोगों से पूछा गया कि क्या वे अपनी फांसी से पहले वसीयत तैयार करना चाहते हैं तो उन्होंने मना कर दिया. उन्होंने बताया कि एक अदालत द्वारा मामले में पहला मृत्यु वारंट जारी होने के बाद सभी को तन्हाई बैरक में ले जाया गया. फांसी के लिए जेल नियमावली के अनुसार सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया. तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने इससे पहले बताया था कि दोषियों को फांसी पर लटकाये जाने के बाद एक डॉक्टर ने चारों दोषियों को मृत घोषित कर दिया. दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद दोषियों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए.

Nirbhaya Mother Convict Pawan nirbhaya convicts hanging Nirbhaya Case
      
Advertisment