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निर्भया केस : दोषियों का डेथ वारंट जारी नहीं, अगली सुनवाई 7 जनवरी को( Photo Credit : File Photo)
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दोषी अक्षय ठाकुर (Akshay Thakur) की रिव्यू पिटीशन (Review Petition) खारिज होने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) में दोषियों के डेथ वारंट (Death Warrant) पर सुनवाई शुरू हुई. सुनवाई पूरी होने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों (Nirbhaya Case Convicts) का डेथ वारंट जारी नहीं किया. कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन (Tihar Jail Authority) से कहा कि वो दोषियों को नोटिस भेजकर बोले कि एक सप्ताह में सभी कानूनी राहत के विकल्प आजमा लें. नोटिस की समयसीमा अभी से शुरु होती है. पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही पब्लिक प्रासीक्यूटर ने कहा कि कोर्ट को डेथ वारंट जारी करना चाहिए. केवल इसलिए कि वो दया याचिका (Mercy Petition) दायर करना चाहते हैं, डेथ वारंट रुकना नहीं चाहिए. इस पर कोर्ट ने कहा, जब दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति (President) खारिज करेंगे, उसके बाद ही डेथ वारंट जारी किया जा सकता है.
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जेल अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि हमने सभी दोषी को 29 नवंबर को नोटिस जारी किया था. अक्षय ने दया याचिका दाखिल की थी, उसे वापस ले लिया गया. मुकेश और अक्षय ने दया याचिका दाखिल नहीं की. पब्लिक प्रोसेक्युटर ने कोर्ट से बार-बार आग्रह किया कि अदालत को डेथ वारंट जारी कर देना चाहिए. दया याचिका की पेंडेंसी वारंट जारी न करने का आधार नहीं बन सकती. इस पर दोषियों के वकील ने कहा, अभी तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर होना बाकी है.
प्रोसेक्यूटर ने कहा, डेथ वारंट जारी होने के बाद भी दोषियों के पास कानूनी राहत का विकल्प मौजूद रहेगा. इस पर कोर्ट ने पूछा, क्या दया याचिका पर कुछ फैसला लिए जाने से पहले डेथ वारंट जारी किया जा सकता है. कोर्ट ने एमिकस क्यूरी वृंदा ग्रोवर से मुकेश की ओर से पैरवी करने को कहा. प्रोसेक्यूटर ने कहा, दोषी जान-बूझकर मामले को लटका रहे हैं. राहत के विकल्प के लिए इसलिये पहले कोर्ट का रुख नहीं किया. जब डेथ वारंट जारी होने की बारी आई तो एक दोषी ने सिर्फ दया याचिका दायर की. वो भी दावा कर रहा है कि उसने पुनर्विचार अर्जी नहीं दी.
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कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से कहा, आपको दया याचिका के लिए दोषियों को आज ही नोटिस जारी करना चाहिए. पिछले साल पुर्नविचार अर्जी खारिज होते ही ये नोटिस जारी कर दिया जाना चाहिए था. कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा, आप सभी दोषियों को आज ही नोटिस जारी करें. तिहाड़ जेल के अधिकारी दोषी से कहें कि वो एक हफ्ते में क़ानूनी राहत के सभी विकल्प आजमा लें. कोर्ट ने अभी निर्भया केस में अभी डेथ वारंट जारी नहीं किया. इस मामले की अगली सुनवाई अगले साल 7 जनवरी को होगी.
क्या होता है डेथ वारंट?
दंड प्रक्रिया संहिता- 1973 (CrPC) यानी कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर-1973 के तहत 56 फॉर्म्स होते हैं, जिसमें फॉर्म नंबर 42 को डेथ वारंट कहा जाता है. इस पर ‘वारंट ऑफ एक्जेक्यूशन ऑफ अ सेंटेंस ऑफ डेथ’ लिखा होता है. इसे ब्लैक वारंट भी कहा जाता है. यह फांसी देने से पहले जारी की जाती है. डेथ वारंट जारी होने के बाद ही किसी को फांसी दी जा सकती है.
Source : अरविंद सिंह