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दोषी पवन( Photo Credit : फाइल फोटो)
निर्भया गैंग रेप केस के दोषी पवन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 20 जनवरी को सुनवाई की जाएगी. पवन के वकील ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल की है. याचिकाकर्ता का कहना है कि घटना के समय पवन नाबालिग था लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने इस बात को नजरअंदाज किया.
2012 Delhi gang-rape case: Supreme Court will hear on 20th Jan, the Special Leave Petition (SLP) filed by Pawan, one of the convicts, claiming that he was a juvenile at the time of crime, and the Delhi High Court had ignored this fact. pic.twitter.com/yydZKJ7rh3
— ANI (@ANI) January 18, 2020
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शुक्रवार को ही पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों के लिए एक फरवरी सुबह 6 बजे का नया डेथ वारंट जारी किया था. इसके बाद दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील इरफान ने कोर्ट को बताया गया है कि राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी है. लिहाजा कोर्ट नया डेथ वारंट जारी किया जाए. वकील ने कहा कि ऐसी सूरत में दोषी मुकेश की ओर से दायर अर्जी का अब कोई औचित्य नहीं रह जाता है, क्योंकि राष्ट्रपति दया अर्जी खारिज कर चुके हैं.
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इस पर दोषी मुकेश की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है. जीवन मरण के इस केस में मैं मीडिया रिपोर्ट पर भरोसा नहीं कर सकती हूं. वृंदा ग्रोवर ने शिकायत की कि तिहाड़ जेल में उनके मुवक्किल मुकेश को लीगल इंटरव्यू के लिए इजाजत नहीं दी गई. कोर्ट ने इस पर नाराजगी के साथ तिहाड़ जेल अधिकारियों से पूछा कि ऐसा क्यों हुआ. बाकी तीन दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि उन्होंने जेल अधिकारियों से कुछ दस्तावेज मांगे थे, ताकि वो अपने मुवक्किलों की ओर से अपील दायर कर सके, लेकिन बार बार अनुरोध के बावजूद उन्हें वो दस्तावेज नहीं मिले है.तिहाड़ जेल अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि मुकेश को दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है.
Source : News Nation Bureau