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जामिया में हुई हिंसा की जांच के लिए आज कैंपस का दौरा करेगी NHRC की टीम

टीम हिंसा के समय उपस्थित गवाहों से भी बयान दर्ज करेगी. टीम के आने पर विश्वविद्यालय की कुलपति नज्मा अख्तर ने कहा कि मैं आशा करती हूं कि वे लोग हमारे प्वाइंट ऑफ व्यू को समझने की कोशिश करेंगे.

Updated on: 14 Jan 2020, 09:27 AM

ई दिल्ली:

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ((एनएचआरसी) की टीम आज यानी मंगलवार को जामिला मिल्लिया इस्लामिया कैंपस का दौरा कर सकती है. उनका ये दौरा जामिया में हुई हिंसा की जांच के लिए होगा. इस दौरान एनएचआरसी की टीम पीड़ित छात्र-छात्राओं से मुलाकात कर उनके बयान भी ले सकती है. टीम हिंसा के समय उपस्थित गवाहों से भी बयान दर्ज करेगी. टीम के आने पर विश्वविद्यालय की कुलपति नज्मा अख्तर ने कहा कि मैं आशा करती हूं कि वे लोग हमारे प्वाइंट ऑफ व्यू को समझने की कोशिश करेंगे.

15 दिसंबर को हुई हिंसा में आरोप है कि पुलिस ने कैंपस में जबरदस्ती घुसकर छात्रों से मारपीट की थी. इसके लिए कई पार्टियों के नेता ने पुलिस की निंदी भी की थी. पुलिस की कार्रवाई से कई छात्र घायल हो गए थे. इस आरोप की जांच करने के लिए मानवाधिकार आयोग की टीम जांच करने आएगी. वहीं जामिया प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा था कि दिल्ली की सड़कों पर हुई हिंसा में कोई जामिया का विद्यार्थी शामिल नहीं है. बताया जा रहा था कि जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र भी इस उग्र प्रदर्शन में शामिल थे. उन्होंने कहा कि विरोध कर रहे जामिया के छात्र कॉलेज परिसर में बैठे थे. वे सड़कों पर नहीं थे. प्रशासन का कहना था कि जामिया के छात्रों की आड़ में हिंसा भड़काई जा रही है. वहीं न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी में प्रदर्शनकारियों ने बसों को आग के हवाले कर दिया था.


वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के सैकड़ों छात्रों ने सोमवार को वाइस चांसलर नजमा अख्तर (VC Najma Akhtar) के ऑफिस का घेराव किया. इस दौरान उन्होंने पिछले माह कैंपस के अंदर हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस के खिलाफ एफआईआर की मांग की. इस पर वीसी नजमा अख्तर ने कहा, इस पर कल से ही कार्रवाई होगी. छात्रों के करीब दो घंटे के प्रदर्शन के बाद वीसी नजमा अख्तर बाहर आईं और उन्होंने छात्रों के सारे सवालों के जवाब दिया.

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जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों के विरोध के बाद वीसी नजमा अख्तर ने कहा कि हमने जामिया हिंसा मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने अभी तक रिसीव नहीं की. हम इससे आगे कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि हम सरकारी कर्मचारी हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में हमने सरकार के सामने भी आपत्ति दर्ज कराई है. अगर जरूरत पड़ी तो हम कोर्ट भी जाएंगे.

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बता दें कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में दिल्ली पुलिस द्वारा की गई हिंसा के मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर छात्रों ने वीसी दफ्तर का घेराव किया है. बता दें कि सीएए (CAA) और एनआरसी (NRC) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जामिया में हिंसक झड़प हुई थी. साथ ही यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में भी तोड़फोड़ की गई थी. छात्रों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की थी. इसके साथ ही छात्रों ने परीक्षा की तारीखों के पुनर्निर्धारण की भी मांग की है.