कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लागू लॉकडाउन में ढील दिये जाने की संभावना देखते हुये राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के कार्यालय में चार मई से अध्यक्ष, सदस्य और अधिकारियों (उप रजिस्ट्रार और ऊपरी स्तर के) की शत-प्रतिशत उपस्थिति होगी. अधिकरण ने मंगलवार को इस संबंध में निर्देश जारी किये हैं. अधिकरण के अनुसार इसके शेष कर्मचारियों में से 33 प्रतिशत कर्मचारी कार्यालय आएंगे जैसा कि समय-समय पर अधिसूचित किया गया है.
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इस बारे में उनको अवगत कराया जाएगा. एनजीटी द्वारा जारी कार्यालय आदेश के मुताबिक सभी अनुभाग के प्रमुख/प्रभारी कार्यालय आने वाले ऐसे कर्मचारियों की सूची तैयार करेंगे. हालांकि, फोन और संवाद के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम पर उन्हें हमेशा उपलब्ध रहना होगा और जरूरत पड़ने पर कार्यालय में आना होगा. परिपत्र में कहा गया है कि वकीलों/जनता/वादियों/कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विचार करते हुए कोरोना वायरस के मद्देनजर हालात ठीक होने तक एनजीटी की पीठों का न्यायिक काम केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगा.
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इस दौरान एनजीटी परिसर में पक्षों और उनके वकीलों को आने की जरूरत नहीं होगी. परिपत्र में कहा गया है कि मामलों को ऑनलाइन स्तर पर ही दाखिल करने की अनुमति होगी. कोविड-19 महामारी को देखते हुए लॉकडाउन की अवधि में सरकारी प्रतिष्ठानों के कामकाज के विषय में सरकार द्वारा जारी आदेश के आलोक में यह फैसला हुआ है. इसके तहत उप सचिव और उससे ऊपरी स्तर के अधिकारियों की 100 प्रतिशत उपस्थिति और बाकी कर्मचारियों में 33 प्रतिशत की उपस्थिति जरूरी है.
Source : Bhasha