New Parliament House Inauguration : देश के नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासी घमासान जारी है. कई विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को दरकिनार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 28 मई को नई संसद के उद्घाटन करने पर एतराज जताया है. इसे लेकर विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का भी ऐलान किया है. इसी कड़ी में नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से न करवाने और उन्हें उद्घाटन में न्योता न देने के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने जोरदार हमला बोला है.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और कई नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी दलित विरोधी है. आप ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को लगता है कि अगर एक दलित इस शुभ काम में हिस्सा लेगा तो सब गलत हो जाएगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
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सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा है कि प्रभु श्री राममंदिर के शिलान्यास पर पीएम ने तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया था. नए संसद भवन के शिलान्यास पर भी पीएम ने रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया. अब नए संसद भवन के उद्घाटन को भी मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों से नहीं करवा रहे हैं. देशभर का एससी और एसटी समाज पूछ रहा है कि क्या हमें अशुभ माना जाता है, इसलिए नहीं बुलाते हैं?
आम आदमी पार्टी ने कहा कि संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से न कराने पर बीजेपी को घेरा है. आप ने कहा कि भाजपा हमेशा से दलित विरोधी है. भाजपा के लिए दलित सिर्फ वोटबैंक है. संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति से न करवाना दलितों का अपमान है. आप नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि भाजपा की मानसिकता हमेशा से दलितों और आदिवासियों के खिलाफ रही है. पीएम ने दो राष्ट्रपतियों का अपमान किया. शिलान्यास में और उद्घाटन में महामहिम को नहीं बुलाया.