एनडीएमसी, दिल्ली छावनी स्कूलों का बोर्ड परीक्षा शुल्क देगी दिल्ली सरकार : केजरीवाल
केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह निर्णय लिया गया है कि दिल्ली सरकार से संबंधित स्कूलों के सभी छात्रों के बोर्ड परीक्षा शुल्क का भुगतान सरकार करेगी.
दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को घोषणा की कि नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) और दिल्ली छावनी के तहत आने वाले स्कूलों के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा के शुल्क का भुगतान दिल्ली सरकार करेगी. उन्होंने बताया कि यह निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार गणित के विषय पर ध्यान देने के लिए अतिरिक्त कक्षाएं भी संचालित करेगी. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के शुल्क में वृद्धि किये जाने के बाद सरकार ने पहले भी सभी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा शुल्क का भुगतान करने की घोषणा की थी.
केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह निर्णय लिया गया है कि दिल्ली सरकार से संबंधित स्कूलों के सभी छात्रों के बोर्ड परीक्षा शुल्क का भुगतान सरकार करेगी. अब एनडीएमसी और दिल्ली छावनी क्षेत्रों में स्थित स्कूलों को भी इस फैसले के दायरे में लाया गया है.’’ इस निर्णय की घोषणा अगले वर्ष के शुरू में प्रस्तावित दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले हुई है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विस्तृत जानकारी साझा करते हुए कहा कि मंत्रिमंडल ने सरकारी स्कूलों की 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के सीबीएसई परीक्षा शुल्क के वास्ते पूर्ण सब्सिडी प्रदान करने के लिए 61.32 करोड़ रुपये के संशोधित बजट को मंजूरी दी और इसमें स्थानांतरण शुल्क, प्रायोगिक शुल्क और अन्य सभी शुल्क शामिल हैं.
दिल्ली के शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा निदेशालय (डीओई) और इसके सहायता प्राप्त स्कूलों के अलावा इस फैसले का लाभ डीओई के स्कूल एवं पत्राचार विद्यालयों (ओपन स्कूलों) को भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि इससे लगभग 3.6 लाख छात्रों को फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने एनडीएमसी, दिल्ली छावनी बोर्ड (डीसीबी) और समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्कूलों के लगभग चार हजार छात्रों को भी यही लाभ दिये जाने को भी मंजूरी दी है. केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के सभी विषयों के परिणामों का विश्लेषण किया और पाया कि गणित और विज्ञान के अलावा अन्य सभी विषयों में छात्र 95 प्रतिशत से ऊपर अंक प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन दो विषयों के परिणामों का स्तर गिरा है और छात्र गणित में 76 फीसदी से कम अंक हासिल कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार ने स्कूलों में अतिरिक्त कोचिंग कक्षाएं संचालित करने का फैसला किया है ताकि इन विषयों के परिणाम भी अन्य विषयों के समान आ सके.’’ उन्होंने कहा कि छात्रों को नौकरी की इच्छा रखने के बजाय उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित करने और उनके बीच उद्यमशीलता की मानसिकता को बढ़ावा देने के वास्ते सरकार 1,000 रुपये की शुरूआती धनराशि देगी.
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