दिल्ली एयरपोर्ट पर बदइंतजामी, व्हीलचेयर न मिलने पर गिरी 82 वर्षीय महिला, आईसीयू में भर्ती

दिल्ली एयरपोर्ट पर एक बुजुर्ग महिला को समय पर व्हीलचेयर नहीं मिली. आरोप है कि व्हीलचेयर को बुक कराने के बाद भी यह उपलब्ध नहीं कराई गई है. 

दिल्ली एयरपोर्ट पर एक बुजुर्ग महिला को समय पर व्हीलचेयर नहीं मिली. आरोप है कि व्हीलचेयर को बुक कराने के बाद भी यह उपलब्ध नहीं कराई गई है. 

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Mohit Saxena
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टाटा समूह की कंपनी एयर इंडिया की ओर से दिल्ली एयरपोर्ट पर एक बुजुर्ग महिला को समय पर व्हीलचेयर     न देने का मामला सामने आया है. आरोप है कि मजबूरी में काफी दूर पैदल चलने के बाद भी उन्हें सुविधा नहीं मिली. इसके बाद वह गिर गईं. वे एक बेंगलुरु के एक अस्पताल में आईसीयू में हैं. बेंगलुरु की महिला राज पसरीचा एक पूर्व सैन्य अधिकारी (लेफ्टिनेंट जनरल) की विधवा हैं. वह इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट के   टर्मिनल 3 पर लंबी दूरी तक पैदल चलने के बाद गिर गईं. उन्होंने पहले से व्हीलचेयर को बुक कराया. लेकिन एयरलाइन ने समय पर व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं कराई.

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घटना 4 मार्च की है, अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनकी पोती पारुल कंवर ने पोस्ट किया है. उनका  कहना है कि दादी दो दिनों से आईसीयू में हैं. उनके शरीर का बायां हिस्सा कमजोर हो रहा है. मैं यह पोस्ट इसलिए कर रही हूं क्योंकि उनके पास कोई विकल्प मौजूद नहीं है. उन्हें गुस्सा आता है 'मानव जीवन और उनके कल्याण की इतनी कम कद्र है. एयर इंडिया, तुमने मेरी दादी के साथ इतना बुरा व्यवहार किया और  इतना कम सम्मान दिया. तुम्हें शर्म आनी चाहिए.'

घटना का विवरण देते कहा कि हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उन्हें लगभग एक घंटे तक व्हीलचेयर नहीं मिली. इसके बाद उन्हें काफी दूरी तक पैदल चलना पड़ा. वह एयरलाइन के एक काउंटर के पास गिर गईं. इससे उनके होंठ से खून बहने लगा और उसके सिर और पर चोटें आईं.

किसी भी शख्स ने मदद के लिए कदम नहीं उठाया

पारुल कंवर ने लिखा, इस दौरान किसी भी शख्स ने मदद के लिए कदम नहीं उठाया. इस दौरान हमने किसी से प्राथमिक उपचार दिलाने को लेकर कहा, मगर कोई मदद नहीं मिली. कंवर ने कहा कि उन्होंने इंडिगो से मदद लेने की कोशिश की. इसके बाद एक खाली व्हीलचेयर थी, लेकिन उन्होंने भी सहायता नहीं दी. आरोप है कि गिरने के बाद पसरीचा को उपचार तक नहीं मिला. फिर जब व्हीलचेयर दी गई तो बुजुर्ग महिला को उचित जांच के  बिना विमान में सवार होने के लिए मजबूर किया गया. केबिन क्रू ने उन्हें आइस पैक दिए और चिकित्सा सहायता  के लिए बेंगलुरु हवाई अड्डे को सूचित किया. आरोपों का खंडन करते हुए, एयर इंडिया ने एक बयान में कहा   कि बुजुर्ग डिपार्चर टर्मिनल पर बहुत देर से पहुंची थीं.

एयर इंडिया ने कहा, उस समय मांग काफी ज्यादा होने के कारण तय 15 मिनट के भीतर व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं कराई जा सकी. इसके बाद वह अपने रिश्तेदारों के साथ पैदल चल पड़ीं. यात्री की ओर व्हीलचेयर के लिए एक घंटे तक इंतजार करने का दावा निराधार है. महिला के गिरने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए एयरलाइन ने कहा कि   ड्यूटी पर मौजूद एयरपोर्ट डॉक्टर ने तुरंत उनका इलाज किया और प्राथमिक उपचार दिया.

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