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दिल्ली में नाबालिग का करवाया जा रहा था जबरन निकाह, महिला आयोग ने बचाया

देश में धर्म परिवर्तन कर जबरन शादी कराने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. राजधानी दिल्ली से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. गुरुवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी में  एक 15 वर्षीय लड़की का निकाह करवाया जा रहा था.

Updated on: 18 Mar 2021, 06:09 PM

highlights

  • दिल्ली के जहांगीरपुरी में  एक 15 वर्षीय लड़की का निकाह करवाया जा रहा था
  • दिल्ली महिला आयोग अब बच्ची के पुनर्वास पर भी काम करेगा
  • बहुत दुखद है कि देश से बाल विवाह खत्म होने का नाम नही ले रहा है- स्वाति मालीवाल

नई दिल्ली :

देश में धर्म परिवर्तन कर जबरन शादी कराने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. राजधानी दिल्ली से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. गुरुवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी में  एक 15 वर्षीय लड़की का निकाह करवाया जा रहा था. हालांकि दिल्ली महिला आयोग की सर्तकता की वजह से एक मासूम की जिंदगी को बर्बाद होने से बचा लिया गया. दिल्ली महिला आयोग को एक अज्ञात शख्स ने शिकायत की और विवाह की जानकारी दी. गुरुवार दोपहर 1 बजे लड़की का निकाह समारोह शुरू होते ही दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल के नेतृत्व में आयोग की टीम जहांगीरपुरी पहुंची और टीम ने पाया कि निकाह स्थल पर बारात आ चुकी थी और दूल्हा लड़की के आने का इंतजार कर रहा था.

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आयोग की टीम स्थानीय पुलिस के साथ लड़की के घर पहुंची और आयोग ने लड़की से बात की तो लड़की ने कबूल किया की उसकी उम्र 15 वर्ष है. टीम ने लड़की की मां से जब बात की तो उसने बताया कि, "लड़की का जन्म वर्ष 2005 में हुआ था." टीम ने तुरन्त बच्ची का निकाह रुकवाते हुए उसे वहां से बाहर निकाला और उसकी काउंसलिंग कर उसे कानून के बारे में बताया.

दिल्ली पुलिस मौके पर मौजूद लोगों को पूछताछ के लिए स्थानीय पुलिस थाने लेकर गई और अब लड़की के स्टेटमेंट लिए जाएंगे एवं बच्ची को उसके बाद बाल कल्याण समिति के सामने आगे की कार्यवाही के लिए प्रस्तुत किया जाएगा. बच्ची बहुत गरीब परिवार से है और दिल्ली महिला आयोग अब बच्ची के पुनर्वास पर भी काम करेगा.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, "बहुत दुखद है कि देश से बाल विवाह खत्म होने का नाम नही ले रहा है. बच्चों से उनका बचपन छीनने वालों को स़ख्त सजा होनी जरूरी है. इस मामले में तुरन्त एक्शन में आते हुए हमारी टीम और मैं तुरन्त मौके पर पहुंचे और समय रहते बच्ची का विवाह रुकवाने में कामयाब हुए. दिल्ली महिला आयोग अब तक न जाने कितनी ऐसे बच्चियों को बालिका वधू बनने से बचा चुका है. हम इसी तरह मेहनत करते रहेंगे और दिल्ली की महिलाओं के अधिकार के लिए लड़ते रहेंगे."