MCD Election: दलों के लिए समस्या बन सकते हैं स्वतंत्र और बागी कैंडिडेट
दिल्ली में एमसीडी के 250 वार्डों पर 1349 कुल उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. जिनमें से 382 स्वतंत्र उम्मीदवार हैं. अगर प्रतिशत की बात करें तो 28.49 फीसद स्वतंत्र उम्मीदवार इस नगर निगम चुनाव में मैदान में उतरे हैं. इसके अलावा कुछ वाडरें में छोटे-छोटे दलों के उम्मीदवार भी मैदान में हैं. स्वतंत्र उम्मीदवार और छोटे दलों के उम्मीदवार बड़ी राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों का चुनावी समीकरण बिगाड़ सकते हैं. इस बार दिल्ली नगर निगम चुनाव में बीजेपी आम आदमी पार्टी और स्वतंत्र उम्मीदवारों के अलावा 12 अन्य राजनीतिक दलों ने भी अलग-अलग सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं.
नई दिल्ली:
दिल्ली में एमसीडी के 250 वार्डों पर 1349 कुल उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. जिनमें से 382 स्वतंत्र उम्मीदवार हैं. अगर प्रतिशत की बात करें तो 28.49 फीसद स्वतंत्र उम्मीदवार इस नगर निगम चुनाव में मैदान में उतरे हैं. इसके अलावा कुछ वाडरें में छोटे-छोटे दलों के उम्मीदवार भी मैदान में हैं. स्वतंत्र उम्मीदवार और छोटे दलों के उम्मीदवार बड़ी राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों का चुनावी समीकरण बिगाड़ सकते हैं. इस बार दिल्ली नगर निगम चुनाव में बीजेपी आम आदमी पार्टी और स्वतंत्र उम्मीदवारों के अलावा 12 अन्य राजनीतिक दलों ने भी अलग-अलग सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं.
आपको बता दें कि पिछले कुछ चुनावों पर नजर डाली जाए तो 2017 के नगर निगम चुनाव में लगभग 25 वार्ड ऐसे थे जहां हार जीत में सिर्फ 500 या उससे भी कम वोटों का अंतर था. इतने कम अंतर से जो यह जीत हार का खेल होता है तो उसका एक बड़ा कारण छोटे दल और स्वतंत्र उम्मीदवारों का बड़े राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के वोट काटने से बहुत जल्द चुनाव जीत हार में बदल जाता है. कई बार बड़े राजनीतिक दल का जीता हुआ प्रत्याशी एक छोटे राजनीतिक दल या स्वतंत्र उम्मीदवार के कारण हार जाता है क्योंकि अगर जीत हार में 200 या 400 या 500 वोटों का अंतर है तो इतने वोट छोटे दल और स्वतंत्र उम्मीदवार उसके काट लेते हैं.
पिछले नगर निगम चुनाव में 25 वार्ड ऐसे थे जहां 500 से भी कम अंतर से उम्मीदवार हारे थे और 5 वार्ड ऐसे थे जहां हार का अंतर 100 से भी कम था और दिल्ली नगर निगम का छतरपुर वार्ड ऐसा था जहां मात्र 2 वोट से बीजेपी की जीत हुई थी.
सूत्रों के अनुसार, इस बार दिल्ली नगर निगम चुनाव में 60 वार्ड ऐसे हैं जहां बागी और वोट काटने वाले प्रत्याशी बड़े राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की नाक में दम कर सकते हैं. इस बार सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने अपने बहुत सारे पुराने कार्यकर्ताओं के टिकट भी काटे हैं और टिकट कटने से कुछ कार्यकर्ता बगावत पर भी उतर आते हैं. कुछ कार्यकर्ताओं की बगावत सामने सीधे तौर पर दिखती है और कुछ कार्यकर्ता अंदर खाने वोट काट कर अपना गुस्सा दिखाते हैं.
इस बार दिल्ली नगर निगम चुनाव में जो छोटे दल उतरे हैं उनके नाम इस प्रकार हैं -- बसपा, सपा, सीपीआई, सीपीआई(एम), एनसीपी, आरएलडी, एआईआईएमआईएम, इनेलो, लोक जनशक्ति पार्टी. इसके अलावा स्वतंत्र उम्मीदवार भी हैं. कुल मिलाकर छोटे दल, स्वतंत्र उम्मीदवार और बागी और वोट कटवा कार्यकर्ता दिल्ली नगर निगम चुनाव में बड़े राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के जीतने का समीकरण बिगाड़ सकते हैं.
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति
-
भारत के इस मंदिर में नहीं मिलती पुरुषों को एंट्री, यहां होते हैं कई तांत्रिक अनुष्ठान
-
Mars Transit in Pisces: 23 अप्रैल 2024 को होगा मीन राशि में मंगल का गोचर, जानें देश और दुनिया पर इसका प्रभाव
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय