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प्रदूषण पर CM केजरीवाल के दावों पर भड़के मनोज तिवारी, कहा- खेल खेल रही है दिल्ली सरकार

मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से पूछा कि दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए आज तक विज्ञापन देने के सिवाये क्या काम किया है, दिल्ली की जनता को बतायें

Updated on: 11 Sep 2019, 10:40 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली बीजेपी कार्यालय में आयोजित पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार 2014 से दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिये काम कर रही है. मोदी सरकार की नीतियों के कारण प्रदूषण में लगातार कमी आई है जिससे पीएम-2.5 दिल्ली में 150 से कम होकर 115 हो गया है और पीएम-10 300 से घटकर 245 हो गया है. दिल्ली सरकार खुद काम न करके केन्द्र सरकार के कामों का श्रेय लेने का खेल खेल रही है, लेकिन चोरी और झूठ के आधार पर अब दिल्ली में केजरीवाल की राजनीति सफल होने वाली नहीं है. लोग समझते हैं कि किसने क्या किया. इस अवसर पर मीडिया प्रभारी श्री प्रत्युष कंठ, सह-प्रभारी श्री नीलकांत बक्शी, मीडिया प्रमुख श्री अशोक गोयल देवराहा उपस्थित थे.

मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से पूछा कि दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए आज तक विज्ञापन देने के सिवाये क्या काम किया है, दिल्ली की जनता को बतायें. सोनिया विहार में दिल्ली सरकार द्वारा चलाई जाने वाली दर्जनों प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियां मौजूद हैं, लेकिन केजरीवाल ने इन पर कोई कार्रवाई नहीं की. मैंने जब इन्हें बंद करवाया तो केजरीवाल और उनके स्थानीय नेताओं ने मिलीभगत से इन फैक्ट्रियों को दोबारा शुरू करवा दिया. केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता को यह बताये कि दिल्ली में प्रदूषण कम करने में उनका क्या योदान है ? बीएस-6 के पेट्रोल-डीजल की शुरूआत केन्द्र सरकार के अथक प्रयास से हुई. मोदी सरकार ने 60 हजार करोड़ रूपये का निवेश इस काम के लिये किया है. बीएस-6 वाहनों के लिए दिल्ली में मंगलवार से पेट्रोल मिलना शुरू हो जायेगा. यह वाहन 1 अप्रैल, 2020 से मिलने शुरू हो जायेंगे. केन्द्र सरकार के इन प्रयासों से दिल्ली में वाहन प्रदूषण में 80 प्रतिशत कमी आयेगी.

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मनोज तिवारी का आरोप, दावों के मुताबिक नहीं हुआ काम

मनोज तिवारी ने कहा कि दूसरों के कामों का श्रेय लेना और दिल्ली की जनता से हर दिन झूठ बोलने में महारत हासिल करने वाले केजरीवाल साधनों की, संसाधनों की व दूसरों के कामों की चोरी करते हैं. दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण कम करने को लेकर 5000 इलैक्ट्रिक बसें खरीदने की बात कही थी, लेकिन जमीन पर केवल 25 बसें आई हैं जो कि कलस्टर बसें हैं. केन्द्र सरकार ने सीएनजी लाकर प्रदूषण कम करने में अहम भूमिका निभाई. केजरीवाल सरकार को चैथे मेट्रो फेज के कामों की मंजूरी देनी थी जिसे जानबूझ कर राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए रोक कर रखा. आज जब नरेला में लोग केजरीवाल को काले झंडे दिखाते हैं, तो वो उन्हें देख लेने की धमकी देते हैं. होर्डिंग, पोस्टर व अखबारों में मंहगे विज्ञापन देकर केजरीवाल दूसरे के कामों का श्रेय भी खुद लेने को उतारू हैं.

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मनोज तिवारी ने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से बदरपुर पावर प्लांट को बंद करवाया गया और अनेक प्रदूषणकारी उद्योगों को आदेश देकर उनके प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये उचित कदम उठाये गये. ईंट-भट्ठे से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए लेटेस्ट जिग-जेग प्रणाली का उपयोग किया गया, जिससे प्रदूषण की मात्रा में कमी आई है. सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को दंडित भी किया गया जिससे दिल्ली में प्रदूषण में काफी कमी आई है और दिल्ली की आबोहवा भी स्वच्छ हुई है. इसका श्रेय मोदी सरकार को जाता है. मोदी सरकार ने 135 किलो मीटर का ईस्टर्न पेरीफेरल इवे (गाजियबाद, नोएडा फरीदाबाद, पलवल एवं कुंडली) एवं 135 किलो मीटर वेस्टर्न पेरीफेरल इवे (कुंडली, बहादुरगढ़, गुरूग्राम, पलवल) का निर्माण किया और मेरठ एक्सप्रेस वे के एक चरण का निर्माण हो गया है और दूसरे चरण का भी अगले 4 महीनों में निर्माण पूरा हो जायेगा. एक्सप्रेस-वे बनने से दिल्ली में लगभग 60 हजार वाहन आना बंद हो गये हैं. जिन वाहनों का दिल्ली में कोई काम नहीं था, ऐसे वाहन को बाईपास मिलने के कारण वो बाहर से ही जाने लगे हैं, जो वाहन दिल्ली होकर जाते हैं उन पर प्रदूषण सेस लगाया गया जिससे दिल्ली सरकार ने एक मौटी रकम वसूली लेकिन प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने उस राशि का कोई भी उपयोग नहीं किया है.

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उन्होंने कहा,  मोदी सरकार ने ई-वाहनों की शुरुआत की और उसके लिए सब्सिडी की व्यवस्था भी की. सड़कों की सफाई के लिए अत्याधुनिक मशीने लाई गई हैं जिनसे पानी के छिड़काव के साथ धूल-मिट्टी को उठाया जाता है. दिल्ली में आज भी सोनिया विहार के अलावा भी ऐसी फैक्ट्रियां हैं जो लगातार जहर उगल रही हैं, लेकिन स्थानीय नेताओं की मिलीभगत से वो धड़ल्ले से चल रही हैं. केजरीवाल को इसे रोकने के उपाय करने चाहिये. कुछ करना है तो प्रदूषण रोकने के लिये जमीन पर कुछ काम करें, मोदी सरकार के कामों का श्रेय लेना छोड़ दें. दिल्ली के लिए कुछ ऐसा कार्य करो जो राजनीतिक बिदाई के समय जनता ठीक से बिदा करे. मोदी सरकार ने कचरे से बिजली बनाने का कार्य शुरू किया, जिसे वेस्ट मेनेजमेंट कहा जाता है, तीन प्रोजेक्ट चल रहे हैं. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली में प्रदूषण कम करने को लेकर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सख्त निर्देश दिये, लेकिन केजरीवाल इसका पालन नहीं किया गया. केजरीवाल दूसरों के कामों का क्रेडिट लेना छोड़ दें.