logo-image

विदेशों में छाया दिल्ली के सरकारी स्कूल का मॉडल, मनीष सिसोदिया लंदन में करेंगे चर्चा

दिल्ली के सरकारी स्कूल सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि अब विदेशों में भी छा गया है. दिल्ली के सरकारी स्कूलों के परिवर्तन पर चर्चा करने के लिए उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को लंदन बुलाया गया है.

Updated on: 11 Mar 2021, 08:04 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली के सरकारी स्कूल ( Delhi Government Schools) सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि अब विदेशों में भी छा गया है. दिल्ली के सरकारी स्कूलों के परिवर्तन पर चर्चा करने के लिए उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को लंदन बुलाया गया है. मनीष सिसोदिया को लंदन के प्रतिष्ठित किंग्स कॉलेज लंदन (Kings's College London)  द्वारा आमंत्रित किया गया है. ये जानकारी आम आदमी पार्टी (AAP) के आधिकारिक ट्विटर (Twitter) हैंडल पर दी गई है.  किंग्स कॉलेज लंदन 'द इंडिया सीरीज (The India Series)' नाम से सीरीज चला रही है. इस इंडिया सीरीज में चर्चा के लिए दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीश सिसोदिया को आमंत्रित किया  गया हैं. लंदन किंग्स कॉलेज ने दिल्ली  के सरकारी स्कूलों को बदलने का श्रेय मनीष सिसोदिया को दिया है. 

वहीं बता दें कि दिल्ली का अब अपना एजुकेशन बोर्ड होगा. शनिवार को दिल्ली सरकार के कैबिनेट ने दिल्ली बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन के गठन को मंजूरी दे दी. दिल्ली सरकार के मुताबिक बच्चों को कट्टर देशभक्त, अच्छे इंसान और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से बोर्ड के गठन को मंजूरी दी है. यह बोर्ड बच्चों में रटने पर नहीं, बल्कि उनमें समझ विकसित करने पर बल देगा.

दिल्ली में 1000 सरकारी और लगभग 1700 प्राइवेट स्कूल है, जो सीबीएसई बोर्ड से एफिलिएटेड हैं. इन सभी स्कूलों को नवगठित बोर्ड में एक साथ शामिल नहीं किया जाएगा. शैक्षिक सत्र 2021-22 में अभी दिल्ली सरकार के 20-25 सरकारी स्कूलों को इस बोर्ड में शामिल किया जाएगा. अगले 4-5 सालों में संभवत सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल स्वेच्छा से दिल्ली बोर्ड में शामिल हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें: अब दिल्ली का होगा अपना शिक्षा बोर्ड, रट्टू तोता नहीं बनाएगी पढ़ाई

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार अपने सभी स्कूलों में केजी से आठवीं की कक्षाओं के बच्चों के लिए अगले शैक्षणिक सत्र से देशभक्ति पाठ्यक्रम शुरू करेगी. इस पाठ्यक्रम में स्वयं, परिवार, स्कूल, समाज, राष्ट्र और विश्व को लेकर समझ विकसित की जाएगी. दिल्ली सरकार का कहना है कि इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में उन मूल्यों और कौशलों को स्थापित करना जो बच्चों को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले सक्रिय और प्रतिबद्ध नागरिक बनाने के लिए तैयार करे.

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस पाठ्यक्रम के विषय पर कहा कि, "भारत के गौरव और हमारे संवैधानिक मूल्य सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहने चाहिए, उसे जीवन में उतारने कि जरुरत है."

देशभक्ति पाठ्यक्रम के लिए एक कमेटी भी गठित की गई है. सोमवार को इस कमेटी के सदस्यों ने उपमुख्यमंत्री को पाठ्यक्रम के प्रगति के विषय में बताया. पाठ्यक्रम में स्वयं, परिवार, स्कूल, समुदाय, समाज, राष्ट्र और विश्व के संदर्भ में गहरी समझ विकसित करने के पांच प्रमुख विषयवस्तु शामिल होंगे.

और पढ़ें: दिल्ली विश्वविद्यालय में सभी छात्रों को निशुल्क मिलेगी डिग्री की हार्ड कॉपी

दिल्ली सरकार के मुताबिक इसका उद्देश्य छात्रों में देश के लिए गर्व और जिम्मेदारी की भावना पैदा करना है. देशभक्ति पाठ्यक्रम छात्रों में स्वयं के आत्मबोध से समानता और बंधुत्व जैसे संवैधानिक और सामाजिक मूल्यों जीने के लिए कौशल प्रदान करने का प्रयास करेगा. पाठ्यक्रम में विभिन्न तरीकों को अपनाया जाएगा, जिसमें समूह-कार्य, माइंड मैपिंग, रोल प्ले, ग्रुप रिफ्लेक्शन गतिविधियां, कहानी आदि शामिल है.

पाठ्यक्रम समिति को दिल्ली के सरकारी स्कूलों के अध्यापकों और संगठनों टीच फॉर इंडिया, कॉम्युटिनी- द यूथ कलेक्टिव, प्रवा, और वी द पीपल अभियान द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है.