मनीष सिसोदिया (Photo Credit: फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह की सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. 16 फरवरी यानी रविवार को सीएम केजरीवाल के दिल्ली के रामलीला मैदान में शपथ लेंगे. बताया जा रहा कि शपथ ग्रहण समारोह में बड़े नेताओं के साथ सरकारी स्कूल के टीचर्स भी शिरकत करेंगे. इसे लेकर बीजेपी लगातार AAP पर निशाना साध रही है और शिक्षकों को जबरदस्ती शपथ ग्रहण समारोह में बुलाने का आरोप लगा रही है.
इस पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी है. मनीष सिसोदिया ने शनिवार को कहा कि काफी सारे टीचर्स खुद चाहते हैं कि वो शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करें, इसलिए उनको बुलाया जा रहा है. किसी से भी जोर जबरदस्ती नहीं की जा रही. उन्होंने कहा, सीएम केजरीवाल चाहते हैं कि वो लोग उनके शपथग्रहण में शामिल हो जिन्होंने पांच सालों तक उनके साथ कताम किया और आने वाले पांच साल करेंगे. इसमें ऑटो ड्राइवर, बस ड्राइस, स्कूल के शिक्ष, प्रिंसपिल और चपरासी भी शामिल है.
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मनीष सिसोदिया ने बताया कि सीएम केजरीवाल के साथ मंच साझा करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के शिक्षक, स्कूलों के प्रमुख, एक स्कूल के चपरासी, जय भीम योजना से वंचित छात्र, मोहल्ला क्लिनिक डॉक्टर, एंबुलेंस चालक और सिग्नेचर ब्रिज के आर्किटेक्ट को भी बुलाया गया है.
Manish Sisodia,AAP: Many people from different sectors like teachers,heads of the schools, a school peon, students who befitted from Jai Bheem scheme, Mohalla clinic doctors, bike ambulance drivers,Signature Bridge architect etc. to share the stage with CM at oath-taking ceremony pic.twitter.com/nnvNBmtO2t
— ANI (@ANI) February 15, 2020
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बता दें , इससे पहले बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने शिक्षकों को बुलाने पर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा और कुछ सवाल उठाए थे. कपिल मिश्रा ने ट्वीट करते हुए कहा था कि सरकारी शिक्षकों को आदेश जारी कर रामलीला मैदान में हाजिरी लगवाना गलत है. उन्होंने ट्वीट किया, सरकार के शपथ ग्रहण में टीचर्स आये ये अच्छी बात हैं. लेकिन सरकारी आर्डर निकालकर जबरदस्ती टीचर्स को लाया जाए. टीचर्स की हाजिरी रामलीला मैदान में लगाई जाए . ये एक गलत परंपरा की शुरुआत हैं. शपथ ग्रहण को ऐसे 'अनावश्यक ग्रहणों' से मुक्त रखना चाहिए .