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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया बोले- दिल्ली के लिए ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाया जाए

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है. इसमें दो मुख्य बात है.

Updated on: 21 Apr 2021, 06:19 PM

नई दिल्ली:

देश में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण फैल रहा है. कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से दिल्ली के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ गई है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है. इसमें दो मुख्य बात है. दिल्ली में ऑक्सीजन का जितना कोटा पहले तय किया था, मरीज अचानक बढ़ने से ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत है. केंद्र सरकार ऑक्सीजन को कंट्रोल करती है. राज्य सरकार का ऑक्सीजन पर अधिकार नहीं है. यह हमेशा से होता रहा है. कोविड के दौरान हालात ज्यादा गंभीर हो रही है. कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं. आसपास के राज्यों से आकर मरीज दिल्ली में इलाज करा रहे हैं. 378 मीट्रिक टन से 700 मीट्रिक टन तक कोटा कर दिया जाए. इस दिशा में भारत सरकार ने कदम नहीं उठाया. केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. 

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में 18 हजार मरीज हैं. इसमें कई राज्यों के मरीज हैं. सबको ऑक्सीजन की जरूरत है. बात सिर्फ दिल्ली की नहीं है, पूरे देश की है. दिल्ली का कोटा बढ़ा दें. जैसे और राज्यों को ऑक्सीजन जा रही है, वैसे दिल्ली को मिले. आज फिर से कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होने की आशंका है. कई अस्पतालों में दिन में ऑक्सीजन का संकट हो गया है. 

मनीष सिसोदिया ने कहा कि जैसे फरीदाबाद से ऑक्सीजन आनी थी तो वहां किसी अधिकारी ने आकर रोक दिया. केंद्र सरकार से निवेदन है कि एक बार कोटा फिक्स कर दिया तो वह ऑक्सीजन मिलना चाहिए. यह राज्यों की आपस में लड़ाई नहीं हो. केंद्र सरकार हस्तक्षेप करे. मंगलवार रात में मोदी नगर से ऑक्सीजन आने में भी परेशानी हुई. केंद्र सरकार से रात में मदद मांगी. जिस राज्य में फैक्ट्री है, वह राज्य उसे दूसरे राज्य में ऑक्सीजन भेजने से रोके नहीं.

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकारें अपने यहां का कोटा तय नहीं करती. केंद्र सरकार कोटा तय करता है. किसी भी राज्य में ऑक्सीजन बनती है तो केंद्र सरकार तय करेगी. दिल्ली में केस बढ़ रहे हैं तो हम अनुरोध कर रहे हैं. एक-एक ट्रक पर राज्य सरकार को खोजना पड़े और केंद्र को हस्तक्षेप करना पड़े ये ठीक स्थिति नहीं है. दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी है. राज्यों के बीच भी केंद्र के तय कोटे को लेकर खींचतान ना हो केंद्र ये सुनिश्चिच करें.