मणिपुर वायरल वीडियो मामले की SC में हुई सुनवाई, CJI बोले- 'ये एकमात्र घटना नहीं'

मणिपुर वायरल वीडियो (Manipur Viral Video) मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई.इस दौरान सीजेाई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह एकमात्र घटना नहीं है.

मणिपुर वायरल वीडियो (Manipur Viral Video) मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई.इस दौरान सीजेाई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह एकमात्र घटना नहीं है.

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Dheeraj Sharma
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manipur-viral-video-sc ( Photo Credit : file photo)

Manipur Viral Video Case In Supreme Court: मणिपुर वायरल वीडियो (Manipur Viral Video) मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ( DY Chandrachud) ने सुनवाई करते हुए कहा कि वीडियो के सामने आने के बाद ये मामला सामने आया, लेकिन यह एकमात्र घटना नहीं है, जहां महिलाओं के साथ मारपीट की गई या उत्पीड़न किया गया है.  CJI ने कहा कि हमें किसी और वीडियो का इंतजार नहीं करना चाहिए. केंद्र की तरफ से दायर हलफनामे से पता चलता है कि यौन उत्पीड़न के कई अन्य मामले हैं. हमें अन्य महिलाओं के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए भी एक तंत्र स्थापित करना होगा. केवल इन तीन महिलाओं नहीं, बल्कि अपराध पीड़ित हर महिला के लिए तंत्र हो. उन्होंने ये भी पूछा कि तीन मई के बाद से जब मणिपुर में हिंसा शुरू हुई थी, ऐसी कितनी FIR दर्ज की गई हैं.

'महिलाएं नहीं चाहती हैं CBI जांच'

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मणिपुर की पीड़ित महिलाओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि महिलाएं मामले की सीबीआई जांच और मामले को असम स्थानांतरित करने के खिलाफ हैं. वहीं, सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि हमने कभी भी मुकदमे को असम स्थानांतरित करने का अनुरोध नहीं किया है. हमने कहा है कि इस मामले को मणिपुर से बाहर स्थानांतरित किया जाए. 

'पुलिस महिलाओं को ले गई प्रदर्शनकारियों के पास'

कपिल सिब्बल ने ये भी कहा कि बयानों से पता चलता है कि पुलिस ही दोनों महिलाओं को प्रदर्शनकारियों के पास ले गई थी, उनको भीड़ के पास छोड़ दिया गया था. एक महिला के पिता, और भाई को मार डाला गया. अभी भी शव नहीं  मिले हैं. 18 मई को जीरो एफआईआर दर्ज की गई. जब कोर्ट ने संज्ञान लिया, तब कुछ हुआ. तो फिर कैसे भरोसा हो. हम एक ऐसी एजेंसी चाहते हैं, जो मामले की जांच करने के लिए स्वतंत्र हो.

'सुप्रीम कोर्ट की निगरानी से आपत्ति नहीं'

सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट मामले की निगरानी करेगा तो केंद्र को कोई आपत्ति नहीं है. वहीं, वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र की स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक, 595 एफआईआर दर्ज की गई हैं. इनमें से कितनी यौन हिंसा से संबंधित हैं और कितनी आगजनी, हत्या से संबंधित हैं, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है.

CBI कर रही है जांच

गौरतलब है कि, सीबीआई ने मणिपुर वायरल वीडियों की जांच कर ही है. राज्य में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने की घटना का वीडियो 19 जुलाई को वायरल हो गया था. इस घटना की देशभर में कड़ी आलोचना हो रही है. 

HIGHLIGHTS

  • सुप्रीम कोर्ट में हुई मणिपुर वायरल वीडियो मामले की सुनवाई.
  • सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच को तैयार केंद्र सरकार. 
  • CBI कर रही है मणिपुर वायरल वीडियो की जांच. 

Source : News Nation Bureau

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