जामा मस्जिद इलाके में स्थानीय लोगों ने पुलिस को दिए गुलाब के फूल
स्थानीय लोगों ने पुलिस उपायुक्त (मध्य) मंदीप सिंह रंधावा और अतिरिक्त डीसीपी को गुलाब के फूल दिए.
दिल्ली:
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में रहने वाले लोगों ने शुक्रवार को पुलिस के साथ सहयोग और शांति का अपना संदेश व्यक्त करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को गुलाब के फूल भेंट किए. एक दिन पहले जंतर मंतर पर भी प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा कर्मियों को गुलाब के फूल दिए थे. उनका कहना था कि पुलिस जितनी मर्जी उन पर लाठी चार्ज कर सकती है लेकिन उनका संदेश है 'नफरत के बदले प्यार.
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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, स्थानीय लोगों ने कहा कि वे इलाके में शांति चाहते हैं और वे पुलिस के साथ सहयोग करेंगे. उन्होंने पुलिस उपायुक्त (मध्य) मंदीप सिंह रंधावा और अतिरिक्त डीसीपी को गुलाब के फूल दिए. रंधावा ने पत्रकारों से कहा, 'जामा मस्जिद में लोग हमारे साथ हैं और शांति चाहते हैं. हमलोग भी यही सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं.'
Delhi: Locals offer roses to Delhi Police PRO MS Randhawa and other senior Police officers at Jama Masjid pic.twitter.com/lJGoLUveh8
— ANI (@ANI) December 20, 2019
बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में भीम आर्मी ने जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च का आह्वान किया था, जिसके लिए पुलिस ने इजाजत नहीं दी है. भीम आर्मी ने अपने प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्व में सीएए के खिलाफ जामा मस्जिद के पास प्रदर्शन मार्च निकाला. हाथों में तिरंगा पकड़े प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ नारेबाजी की. भीम आर्मी को सीएए के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक प्रदर्शन मार्च निकालने की अनुमति नहीं मिली थी.
दिल्ली स्थित जामा मस्जिद पर शुक्रवार की नमाज के बाद भारी विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला है. भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया और मांग की कि सिर्फ मूल संविधान को ही लागू किया जाए. इस दौरान लोगों के हाथों में संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर के पोस्टर और तख्तियां थीं. लोगों ने प्रदर्शन के दौरान 'जय भीम' के नारे लगाए.
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नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए यह प्रदर्शन किया गया. संविधान की प्रति, बाबा साहेब आंबेडकर के पोस्टर और परमवीर चक्र पुरस्कार से सम्मानित अब्दुल हमीद की तस्वीरों के साथ विरोध-प्रदर्शन कर रहे प्र्दशनकारियों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को वापस लिए जाने की मांग की. कई स्थानों पर निषेधाज्ञा के बावजूद भीड़ इकट्ठा हुई और प्रदर्शन किया. यहां तक कि कुछ महिला प्रदर्शनकारियों को भी प्रदर्शन में देखा गया। हाथ में राष्ट्रीय ध्वज लिए प्र्दशनकारियों ने 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए.
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