मद्रास हाईकोर्ट की तरह तीस हजारी की सुरक्षा CISF को दी जा सकती है: पूर्व CJI बालाकृष्णन

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्णा ने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा,‘हम सब को पता है कि देश में पुलिस का बर्ताव क्या है,लेकिन वकीलों को भी इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए’

author-image
Aditi Sharma
एडिट
New Update
मद्रास हाईकोर्ट की तरह तीस हजारी की सुरक्षा CISF को दी जा सकती है: पूर्व CJI बालाकृष्णन

तीस हजारी कोर्ट( Photo Credit : फाइल फोटो)

पूर्व प्रधान न्यायाधीश के. जी. बालाकृष्णन ने मंगलवार को सुझाव दिया कि मद्रास हाईकोर्ट की तरह तीस हजारी अदालत परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को सौंपी जा सकती है. दिल्ली की तीस हजारी अदालत में पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच हुई झड़प और इस मामले के बड़ा रूप ले लेने के बाद उनका यह सुझाव आया है. न्यायमूर्ति बालाकृष्णन ने कहा कि कुछ साल पहले मद्रास हाईकोर्ट में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प के बाद से हाईकोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी CISF के पास है.

Advertisment

उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसा तीस हजारी परिसर के लिए भी किया जा सकता है. मद्रास हाईकोर्ट में उस वक्त कुछ न्यायिक अधिकारियों पर हमला हुआ था. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्णा ने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा,‘हम सब को पता है कि देश में पुलिस का बर्ताव क्या है,लेकिन वकीलों को भी इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए’.

यह भी पढ़ें: पुलिसकर्मियों के परिवारों ने इंडिया गेट पर निकाला मार्च, केजरीवाल पर साधा निशाना

क्या है तीस हजारी हिंसा का पूरा मामला?

बता दें, शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में पार्किंग को लेकर वकील और पुलिस के बीच झड़प हो गई. पुलिस की गोलीबारी से एक वकील के गोली लग गई. इससे भड़के वकीलों ने पुलिस के साथ मारपीट की और पुलिस जीप में आग लगा दी. घटना के विरोध में सोमवार को वकीलों ने हड़ताल कर दी. इसके बाद सोमवार को वकीलों ने एक पुलिसकर्मी को पीट दिया. बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मी वीडियो बना रहा था जिससे वकील नाराज हो गए और उन्होंने पुलिसकर्मी को पीट दिया. ये पुलिसकर्मी तमिलनाडु से आया था. दूसरी तरफ साकेत कोर्ट के बाहर भी वकीलों द्वारा एक ऑटोवाले की पिटाई का मामला सामने आया.

इस पूरे विवाद को लेकर पुलिस मुख्यालय के बाहर मंगलवार को जमकर प्रदर्शन हुआ. इसमें पुलिस के जवानों ने मंगलवार दोपहर कमिश्नर अमूल्य पटनायक के सामने ही नारे लगाने शुरू कर दिए. 'हमारा सीपी कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो' के नारे से पूरा मुख्‍यालय गूंजने लगा. पुलिस कर्मियों का यह आक्रोश इस बात को लेकर था कि इस मामले पर वरिष्ठ अधिकारी खुद दखल दें और पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले वकीलों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दें.

यह भी पढ़ें: तीस हजारी हिंसा: वकीलों के साथ झड़प में फटा पुलिसकर्मी के कान का पर्दा, आईं गंभीर चोटें

पुलिसकर्मियों के रोष का आलम यह था कि जब डीसीपी स्तर के अधिकारी उनसे बात करने पहुंचे तो उन्होंने कमिश्नर अमूल्य पटनायक के बाहर आने की मांग की और उन्हीं के सामने अपनी बात कहने को कहा. दोपहर कमिश्नर अमूल्य पटनायक बाहर आए और उन्होंने जवानों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए वापस ड्यूटी पर लौटने की बात कही तो जवानों ने इस दौरान यह नारेबाजी शुरू कर दी कि हमारा कमिश्नर कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो.

गौरतलब है कि तीस हजारी हिंसा मामले में बार काउंसिल ने सख्त रूख अपना लिया है. बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली की सभी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन को ख़त लिखकर साफ किया है कि अगर वकील हड़ताल खत्म कर काम पर नहीं लौटते और किसी भी तरह की हिंसा में शामिल होते है तो बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया उनका समर्थन नहीं करेगी.

(भाषा से इनपुट)

Police Balakrishnan lawers Tis Hazari Violence Madras Highcourt कंगना रनाउत को CISF कर्मी ने मारा थप्पड़
      
Advertisment