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आज आम आदमी पार्टी के 21 विधायक चुनाव आयोग में पेश करेंगे दलील

दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाने पर लाभ के पद के आरोप में चुनाव आयोग को पार्टी आज अपनी दलील पेश करेगी। इस सुनवाई के बाद ही तय होगा कि ये 21 विधायक अपने पद पर बनें रहेंगे या इनकी विधानसभा की सदस्यता जाएगी।

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sankalp thakur
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आज आम आदमी पार्टी के 21 विधायक चुनाव आयोग में पेश करेंगे दलील
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दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाने पर लाभ के पद के आरोप में चुनाव आयोग को पार्टी आज अपनी दलील पेश करेगी। इसके बाद ही तय होगा कि ये 21 विधायक अपने पद पर बनें रहेंगे या इनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द की जाएगी।

क्या होगा अगर 21 विधायकों की सदस्यता रद्द हुआ तो..

अगर आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की सदस्यता चुनाव आयोग रद्द कर देती है तो फिर इन 21 सीटों पर फिर से चुनाव हो सकते है।

क्या है मामला
दिल्ली में कुल 70 विधायक हैं, जिनमें से 10 फीसदी ही मंत्री बन सकते हैं, जिसके अनुसार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फरवरी, 2015 में छह मंत्रियों के साथ सरकार बनाई। बाद में एक महीने के भीतर ही केजरीवाल ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त कर दिया, जिसके लिए उपराज्यपाल की मंजूरी भी नहीं ली गई।

19 जून 2015 को प्रशांत पटेल नाम के एक वकील ने राष्ट्रपति के पास 'आप' के इन 21 संसदीय सचिवों की सदस्यता रद्द करने के लिए आवेदन दिया। जिसके बाद आनन-फानन में प्रचंड बहुमत वाली केजरीवाल कैबिनेट ने संसदीय सचिवों को लाभ का पद के दायरे से बाहर करने का प्रस्ताव पास किया था। इससे पहले मई 2015 में चुनाव आयोग के पास एक जनहित याचिका भी डाली गई थी। जनहित याचिका को आधार बनाकर चुनाव आयोग ने 21 विधायकों को नोटिस देकर एक-एक करके बुलाने का फैसला लिया। इसके बाद हाईकोर्ट द्वारा इन नियुक्तियों को गैर-कानूनी घोषित होना ही था।

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हाईकोर्ट कर चुका है दिल्ली सरकार की सभी दलीलों को खारिज

हाईकोर्ट में 'आप' सरकार ने जितनी भी दलीले इससे पहले दी थी वह सभी कोर्ट ने खआरिज कर दिया। सरकार की तरफ से शीला दीक्षित तथा मदनलाल खुराना द्वारा संसदीय सचिवों की नियुक्ति के बारे में कहा गया जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इन सरकारों को राज्यपाल की उनुमति मिली थी। आप सरकार की तरफ से अन्य राज्यों के उदाहरण भी दिए गए जिसे हाईकोर्ट ने मानने से इंकार कर दिया।

दिल्ली सरकार के अनुसार संसदीय सचिवों को कोई भी आर्थिक लाभ नहीं दिया जा रहा तथा इन विधायकों के माध्यम से विकास कार्यों को गति मिल रही है।

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विधायक जिन पर लटकी है तलवार
1. जरनैल सिंह, राजौरी गार्डन 2. जरनैल सिंह, तिलक नगर 3. नरेश यादव, महरौली 4. अल्का लांबा, चांदनी चौक 5. प्रवीण कुमार, जंगपुरा 6. राजेश ऋषि, जनकपुरी 7. राजेश गुप्ता, वज़ीरपुर 8. मदन लाल, कस्तूरबा नगर 9. विजेंद्र गर्ग, राजिंदर नगर 10. अवतार सिंह, कालकाजी 11. शरद चौहान, नरेला 12. सरिता सिंह, रोहताश नगर 13. संजीव झा, बुराड़ी 14. सोम दत्त, सदर बाज़ार 15. शिव चरण गोयल, मोती नगर 16. अनिल कुमार बाजपई, गांधी नगर 17. मनोज कुमार, कोंडली 18. नितिन त्यागी, लक्ष्मी नगर 19. सुखबीर दलाल, मुंडका 20. कैलाश गहलोत, नजफ़गढ़ 21. आदर्श शास्त्री, द्वारका।

Source : News Nation Bureau

arvind kejriwal EC AAP
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