ozone levels in delhi exceed: इस साल दिल्ली के कई इलाकों में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी दर्ज की गई. वहीं, गर्मी के साथ ही ओजोन सांद्रता का मानक स्तर भी काफी अधिक पहुंच चुका है, जो हमारे साथ-साथ जानवरों के लिए भी काफी हानिकारक है. इसे लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में डीपीसीसी और वायु गुणवत्ता प्रबंधन ने रिपोर्ट भी पेश की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल अप्रैल और मई में दिन के 11 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक ओजोन सांद्रता तय मानक 100 माईक्रोग्राम प्रतिघन मीटर से भी अधिक दर्ज किया गया.
क्या होता है ओजोन सांद्रता
ओजोन सांद्रता का मतलब होता है, वायुमंडल में ओजेन का स्तर. इसे नापने के लिए डॉबसन इकाई का उपयोग किया जाता है. वायुमंडल में इसकी औसत सांद्रता करीब 300 डॉबसन इकाई होती है. ओजोन की बात करें तो यह ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनी एक गैस होती है. यह एक जहरीली गैस होती है.
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दिल्ली के इन इलाकों में दर्ज किया गया बढ़ा ओजोन सांद्रता
दिल्ली में ओजोन सांद्रता बढ़ने के पीछे पराली और बायोमास को जलाना भी बताया जा रहा है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन की मानें तो इसे जलाने से और मानव द्वारा उद्योग व गाड़ियों से निकलने वाले धुएं की वजह से आज ओजोन सांद्रता बढ़ गया है. डीपीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के जवाहरलाल स्टेडियम, ध्यानचंद स्टेडियम, करणी सिंह शूटिंग रेंज, नेहरू नगर में बढ़ा हुआ ओजोन सांद्रता दर्ज किया गया और यह 8 घंटे से ज्यादा देर तक रहा.
बढ़ते ओजोन के निर्माण को रोकने के लिए अहम कदम उठाने की जरूरत
बता दें कि दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एक आयोग गठित की गई है. इस आयोग ने जो रिपोर्ट पेश किया गय, उसमें ओजोन के बढ़ते स्तर को लेकर चिंता जताई गई है और कहा गया है कि ओजोन के निर्माण को बढ़ावा देने वाले सभी कारकों को कम करना चाहिए और इसके लिए अहम कदम उठाने की जरूरत है.