उत्तर प्रदेश कैडर के रिटायर्ड सीनियिर आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह का नाम एक बार फिर से चर्चा में है. मोहिंदर सिंह पर लग्जरी फ्लैट प्रोजेक्ट से जुड़े मामले में घोटाले का आरोप लगा है. ईडी ने बड़ी छापेमारी करते हुए मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित आवास पर छापेमारी की. इस छापेमारी में 100 करोड़ की अचल संपत्ति का पता चला और इसके साथ ही करोड़ों के हीरे और गहने भी मिले.
पूर्व IAS अफसर के घर पर ईडी की छापेमारी
मोहिंदर सिंह नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ भी रह चुके हैं. बसपा के शासनकाल के दौरान साल 2007 से लेकर 2011 तक मोहिंदर कई अहम पदों पर रहे. इस दौरान उन्होंने यूपी की राजधानी लखनऊ और नोएडा में भी कई स्मारक और पार्कों का निर्माण कार्य कराया. अब पूर्व आईएएस अफसर पर निजी बिल्डरों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है.
636 करोड़ के घोटाले का आरोप
यह पहली बार नहीं है, जब मोहिंदर सिंह का नाम चर्चा में आया है. इससे पहले भी कई घोटालों में उनका नाम सामने आ चुका है. पूर्व आईएएस अफसर पर आरोप है कि नोएडा ऑथिरिटी के सीईओ रहते हुए मोहिंदर ने बिल्डरों के साथ मिलकर 636 करोड़ रुपये का जमीन घोटाला किया. ईडी की छापेमारी के बाद विजिलेंस की टीम ने भी मोहिंदर को नोटिस जारी किया है. विजलेंट की टीम जल्द ही मोहिंदर के साथ पूछताछ कर सकती है. इससे पहले भी ईडी स्मारक घोटाले को लेकर मोहिंदर सिंह से पूछताछ कर चुकी है. घोटाले में नाम आने के बाद वह ऑस्ट्रेलिया चले गए थे और करीब दो साल तक विदेश में रहने के बाद वह भारत लौटे.
क्या है पूरा मामला?
पूर्व आईएएस अफसर पर आरोप है कि उन्होंने करोड़ों की जमीन को कौड़ियों के भाव निजी बिल्डरों को बेच दी थी. इस डील में सरकारी आदेशों का उल्लंघन किया गया था. 30 प्रतिशत की जगह बिल्डरों से सिर्फ 10 प्रतिशत पैसे लेकर जमीन आवंटित की गई थी. इस मामले में कुल 26 अधिकारियों पर घोटाले का आरोप लगा है. मोहिंदर सिंह 1978 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और 31 जुलाई, 2012 में रिटायर्ड हुए. दो साल बाद विदेश से लौटे पूर्व आईएएस अधिकारी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. इससे पहले भी पूछताछ से बचने के लिए वह विदेश चले गए थे.