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जानिए क्यों हड़ताल पर हैं दिल्ली एम्स की नर्स

एम्स ने रेज़िडेंट डॉक्टरों के काम के घंटे बढ़ा दिए हैं. मरीज़ों के परिवार वालों को मरीज़ों के साथ रह कर मदद करने के लिए के लिए भी कहा है. Research project staff और technicians को तैनात किया गया है.

Updated on: 15 Dec 2020, 11:55 AM

नई दिल्ली:

एम्स का नर्स संघ अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहा है. करीब पांच हजार नर्स सोमवार दोपहर से हड़ताल पर हैं, जिससे इस अस्पताल में रोगी देखभाल सेवाएं बाधित हुईं. मंगलवार सुबह से ही मरीजों के परिजन परेशान होते दिखाई दिए. वहीं, चलिए जानते हैं कि आखिर एम्स के नर्स संघ की मांग है. दरअसल, नर्स संघ ने 23 मांगें रखी थीं और एम्स प्रशासन और सरकार ने उनमें से लगभग सभी मांगें मान ली हैं. डॉ.  गुलेरिया ने कहा कि एक मांग मूल रूप से छठे वेतन आयोग के मुताबिक शुरुआती वेतन तय करने की असंगतता से जुड़ी हुई है.

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बता दें कि छठे सीपीसी की मांग के अलावा नर्स भर्ती में लैंगिक आरक्षण को खत्म करने और अनुबंध पर नियुक्तियां बंद करने आदि की भी मांग कर रहे हैं. निदेशक को लिखे पत्र में संघ ने कहा कि एम्स प्रशासन ने ठोस उपाय नहीं किए और छठे केंद्रीय वेतन आयोग से जुड़ी उनकी मांगों को खारिज कर दिया गया.  इन्हीं मांगों को पर एम्स और नर्स संघ में बात नहीं बन पाई जिसकों लेकर करीब पांच हजार नर्स हड़ताल पर हैं.

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वहीं, एम्स ने रेज़िडेंट डॉक्टरों के काम के घंटे बढ़ा दिए हैं. मरीज़ों के परिवार वालों को मरीज़ों के साथ रह कर मदद करने के लिए के लिए भी कहा है. Research project staff और technicians को तैनात किया गया है. आख़िरी साल के Nursing students को ड्यूटी पर बुलाया गया है. साथ ही Planned surgery वालों को कुछ समय के लिए डिस्चार्ज कर दिया गया है और इमरजेंसी सेवाओं का समय कम कर दिया गया है
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