Election Result Process: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं. अब तक भाजपा ने लीड बना रखी है. 70 सीटों के नतीजे शाम तक स्पष्ट होने की उम्मीद है. बता दें कि वोटों की गिनती राउंड्स के हिसाब से होती है. जहां ज्यादा राउंड की गिनती होगी, वहां के नतीजे लेट आएंगे. वहीं, जहां कम राउंड हैं, वहां के नतीजे जल्दी आएंगे. किसी विधानसभा सीट में कितने पोलिंग स्टेशन हैं, इस बात पर निर्भर होगा कि वहां कितने राउंड में वोटों की गिनती होगी. आइए समझते हैं गिनती की प्रक्रिया का पूरा गणित.
हर विधानसभा में गिनती के लिए सात से लेकर 14 टेबल लगाई जाती हैं. हर टेबल पर एक बार में एक बूथ के इवीएम खुलते हैं. उदाहरण के रूप में समझें तो अगर किसी विधानसभा सीट में 200 बूथ बनाए गए हैं तो वहां की गिनती के लिए 10 टेबल लगाई जाएंगी. गिनती 20 राउंड में पूरी होगी. इसी वजह दिल्ली कैंट जैसे छोटे विधानसभा सीट की गिनती आठ राउंड में पूरी हो सकती है. वहीं, विकासपुर, मटियाला और बुराड़ी जैसे बड़े विधानसभा क्षेत्रों में 25 से अधिक राउंड में गिनती पूरी होगी.
इसलिए रोकी जाती है ईवीएम की गिनती
काउंटिंग की प्रोसेस सुबह आठ बजे से शुरू होती है. हालांकि, शुरुआती आधे घंटे में पोस्टल बैलट गिने जाते हैं. ईवीएम की गिनती साढ़े आठ बजे से शुरू होती है. पोस्टल बैलेट की गिनती साथ-साथ होती रहती है. नियम कहता है कि पोस्ट बैलेट की गिनती ईवीएम के आखिर राउंड के शुरू होने से पहले पूरी हो जानी चाहिए. मान लीजिए अगर ऐसा नहीं होता है को मशीन की गिनती रोक दी जाती है और पहले पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी की जाती है. उसके बाद ईवीएम के वोट गिने जाते हैं.
12 बजे तक पहला नतीजा आने की उम्मीद
चुनाव आयोग को उम्मीद है कि दोपहर 12 बजे तक पहला नतीजा आ सकता है. वहीं, अंतिम नतीजे शाम छह बजे तक आ पाएंगे. मशीन से गिनती पूरी होने के बाद पांच बूथों का वीवीपैट रेंडम तरीके से चुना जाता है और उसकी काउंटिंग और मिलान की जाएगी.
मतदान के बाद ईवीएम की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होती है
मतदान के बाद ईवीएम को काउंटिंग सेंटर परिसर में बने स्ट्रॉन्ग रूम में रखी जाती है. काउंटिंग से पहले उम्मीदवारों की निगरानी में ही स्ट्रॉन्ग रूम खोला जाता है. स्ट्रॉन्ग रूम से लेकर काउंटिंग टेबल तक ऐसा गलियारा बनाया जाता है, जहां अधिकृत कर्मचारियों के अलावा कोई और नहीं जा पाएगा. खास बात है कि गलियारे का एक-एक कोना सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रहता है. सुरक्षाकर्मी हर जगह तैनात होते हैं.
उम्मीदवारों के सामने ही होती है गिनती
गिनती उम्मीदवारों या फिर उनके काउंटिंग एजेंट के सामने होती है. वोटों की गिनती पूरी होने के बाद उम्मीदवारों में आम राय बनाने के बाद चुनाव नतीजों का ऐलान कर दिया जाता है. अगर मान लीजिए उम्मीदवारों को परिणामों में किसी प्रकार का संशय होता है तो वोटों की रिकाउंटिंग भी जाती है. जीते उम्मीदवार के नाम का ऐलान करने के बाद रिटर्निंग अफसर विजयी उम्मीदवार को निर्वाचित होने का सर्टिफिकेट देता है.