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केजरीवाल सरकार ने चौड़ी करवाईं सड़कें, MCD नहीं कर रही काम

दिल्ली में केजरीवाल सरकार लगातार सड़कों को चौड़ा करवा रही है, लेकिन भाजपा की एमसीडी अपने क्षेत्र में विधायक निधि लेने के बाद भी सड़कें नहीं चौड़ी करवा रही है. जिसकी वजह से जाम की समस्या से निजात नहीं मिल रही है. आइए इसके संबंध में जानते हैं.

Updated on: 20 Jan 2022, 06:26 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली में केजरीवाल सरकार लगातार सड़कों को चौड़ा करवा रही है, लेकिन भाजपा की एमसीडी अपने क्षेत्र में विधायक निधि लेने के बाद भी सड़कें नहीं चौड़ी करवा रही है. जिसकी वजह से जाम की समस्या से निजात नहीं मिल रही है. आइए इसके संबंध में जानते हैं. दिल्ली में ट्राफिक जाम की समस्या को खत्म करने के लिए केजरीवाल सरकार ने कई सड़कें बनवाई हैं. केजरीवाल सरकार के विधायकों ने फंड से विभिन्न विभागों के साथ मिलकर ट्राफिक जाम कम करने के लिए कई सारी सड़कों को चौड़ा किया है. दो सड़कें आईआईटी, एक सड़क पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के पास बनाई हैं. 

इस प्रकार से कई क्षेत्रों में सड़कें चौड़ी की गईं, क्योंकि वहां पीडब्ल्यूडी की सड़कें थीं. लेकिन एमसीडी अपनी सड़कों को चौड़ी नहीं कर रही, जबकि इसके लिए विधायक निधि भी ले ली है. केजरीवाल सरकार के विधायकों का फंड से पैसा मिलने के बावजूद भाजपा शासित एमसीडी जनता का कोई काम नहीं करती है. 

एमसीडी के लालच के कारण विधायक फंड का लगातार दुरुपयोग हो रहा

दिल्ली में भाजपा शासित एमसीडी के लालच के कारण विधायक फंड का लगातार दुरुपयोग हो रहा है. भाजपा शासित एमसीडी विधायकों के फंड से पैसा तो ले लेती है, लेकिन कोई काम नहीं करती है. एमसीडी जो काम 100 रुपये में करती है, केजरीवाल सरकार के विभाग उसे मात्र 30 रुपए में कर देती है. एमसीडी को सेंट पॉल स्कूल, एसडीए के सामने एक दीवार बननी है. एमसीडी ने इसके खर्च का अनुमान 24 लाख रुपए बताया है, जबकि उसी काम के लिए दिल्ली सरकार ने खर्च का अनुमान 7 लाख रुपये बताया है.

विधायक फंड से पैसा मिलने के बावजूद भाजपा पार्षद काम नहीं होने देते

दिल्ली में 95 फीसदी चीजें एमसीडी के अंतर्गत आती हैं। विधायक जनता का काम कराने के लिए फंड एमसीडी को दे देता है. एमसीडी को फंड देने के बावजूद भाजपा के नेता काम नहीं होने देते हैं. ईस्ट एमसीडी ने तय कर रखा है कि पहले एनओसी लेकर आओ तभी विधायक निधि फंड खर्च कर सकते हैं. साउथ और नॉर्थ एमसीडी ने इसे आधिकारिक रूप से नहीं तय कर रखा है. भाजपा पार्षदों का आंतरिक दबाव एमसीडी के अधिकारियों पर विधायक के द्वारा कहे गए काम ना करने का रहता है. विधायक ने अपने फंड से पैसा दे दिया, लेकिन इसके बावजूद भाजपा के पार्षद काम नहीं होने देते हैं.