JNU Violence : जांच के साथ ही दिल्‍ली पुलिस को देने होंगे इन सवालों के जवाब

जेएनयू में रविवार शाम को छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए. अंधेरा होते ही कैंपस में अचानक 40 से 50 युवकों की भीड़ नकाब ओढ़े लाठियां लेकर आ धमकी और छात्रों से मारपीट, तोडफ़ोड करना शुरू कर दिया.

जेएनयू में रविवार शाम को छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए. अंधेरा होते ही कैंपस में अचानक 40 से 50 युवकों की भीड़ नकाब ओढ़े लाठियां लेकर आ धमकी और छात्रों से मारपीट, तोडफ़ोड करना शुरू कर दिया.

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Sunil Mishra
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JNU Violence : जांच के साथ ही दिल्‍ली पुलिस को देने होंगे इन सवालों के जवाब

जांच के साथ ही दिल्‍ली पुलिस को देना होंगे इन सवालों के जवाब( Photo Credit : IANS)

जेएनयू में रविवार शाम को छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए. अंधेरा होते ही कैंपस में अचानक 40 से 50 युवकों की भीड़ नकाब ओढ़े लाठियां लेकर आ धमकी और छात्रों से मारपीट, तोडफ़ोड करना शुरू कर दिया. युवकों की भीड़ ने गर्ल्स हॉस्टल में जाकर शीशे तोड़े और छात्राओं से भी मारपीट की. JNU कैंपस में 8 अक्टूबर से फीस वृद्धि के खिलाफ छात्रसंघ समेत आम छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी के विरोध में छात्रों ने दिसंबर में सेमेस्टर एग्‍जाम का बहिष्‍कार किया था. 5 जनवरी यानी रविवार को विंटर सेमेस्टर में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन का आखिरी दिन था. दो दिन तक लेफ्ट संगठनों ने सर्वर रूम पर कब्जा जमा रखा था, जिससे रजिस्ट्रेशन में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. जेएनयू में हुई हिंसा की जांच कर रही दिल्‍ली को कई सवालों के जवाब ढूंढने होंगे:

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आखिर ये नकाबपोश हमलावर कौन थे?

विश्‍वविद्यालय में तोड़फोड़ करते नकाबपोशों की तस्वीरें सामने आ चुकी हैं. ये नकाबपोश कौन थे और कहां से आए थे, इसका जवाब दिल्ली पुलिस और जेएनयू प्रशासन को जल्द से जल्द सामने लाना होगा.

नकाबपोश कैंपस में कैसे घुसे?

जेएनयू के गेटों पर कड़ी सुरक्षा रहती है, कोई भी बाहरी शख्स कैंपस में दाखिल नहीं हो सकता है. अगर ये लोग बाहरी थे तो इतनी बड़ी तादाद में लाठी-डंडों और रॉडों के साथ कैसे और कहां से यूनिवर्सिटी में घुस आए. इसका जवाब यूनिवर्सिटी प्रशासन को देना ही होगा.

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यूनिवर्सिटी का सुरक्षा तंत्र क्‍या कर रहा था?

कैंपस में हंगामा और स्टूडेंट्स के साथ मारपीट होती रही, तब यूनिवर्सिटी प्रशासन क्या कर रहा था. कैंपस में बड़ी तादाद में सिक्यॉरिटी गार्ड्स तैनात रहते हैं. वे सब इस दौरान क्या कर रहे थे. उन्होंने हमलावरों को रोकने या पकड़ने की कोशिश क्यों नहीं की.

4 बजे से पीसीआर कॉल होने पर भी एक्शन नहीं?

जेएनयू से शाम 4 बजे से ही पीसीआर कॉल्स आनी शुरू हो गई थीं. पुलिस को 90 से ज्यादा पीसीआर कॉल्स की गईं. स्टूडेंट्स का आरोप है कि अगर यूनिवर्सिटी प्रशासन और पुलिस पहले एक्शन में आ जाती घटना को कंट्रोल किया जा सकता था.

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पुलिस के पास अभी तक तीन शिकायतें

जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर पुलिस के पास तीन शिकायतें आई हैं. हालांकि, अभी तक कोई केस दर्ज किया गया है या नहीं, इसपर अपडेट आना बाकी है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि हमें JNU की हिंसा पर कई शिकायतें मिली हैं, जिनकी जांच होगी. दिल्ली पुलिस की ज्‍वाइंट सीपी शालिनी सिंह जांच की अगुवाई कर रही हैं. उनके अधीर 4 इंस्पेक्टर और दो एसीपी भी जांच में शामिल होंगे.

Source : News Nation Bureau

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