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JNU Violence: दिल्ली पुलिस की PC पर बोला ABVP- JNU में कश्मीर जैसा पथराव हुआ, सैकड़ों नकाबपोश...

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने प्रेसवार्ता कर कहा कि हमने पहले ही कहा था कि इस हिंसा के पीछे लेफ्ट का ही हाथ है.

Updated on: 10 Jan 2020, 06:56 PM

नई दिल्‍ली:

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में 5 जनवरी को हुए हमले की जांच को लेकर दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने आईशी घोष समेत 9 संदिग्धों की तस्वीरें जारी की, जिन्होंने नकाबपोश में छात्रों पर हमला किया था. इसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने प्रेसवार्ता कर कहा कि हमने पहले ही कहा था कि इस हिंसा के पीछे लेफ्ट का ही हाथ है.

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दिल्ली पुलिस का बयान जारी होने के बाद एबीवीपी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि जेएनयू में कश्मीर जैसा पथराव हुआ. सैकड़ों नकाबपोश हमलावरों की भीड़ ने पेरियर हॉस्टल में हमला किया था. उन्होंने पहले गेट तोड़ा. इसके बाद नकाबपोश हमलावर लाठी-डंडों, पत्थर, कपड़े में बांधकर बेहोश होने तक मरते रहे. एबीवीपी के सदस्य मनीष ने आगे कहा कि एम्स में एबीवीपी और लेफ्ट का पूछकर इलाज हुआ था. वहां प्रियंका गांधी ने एबीवीपी के घायल छात्रों को सुनने से इन्कार कर दिया था. जेएनयू में सियासत करने वालों से मांग है कि हमको पढ़ने दिया जाए. हमें सुरक्षित माहौल मिलना चाहिए.

पुलिस जांच में एबीवीपी के जिन दो कार्यकर्ताओं के नाम और फोटो आए हैं, उन पर एबीवीपी ने कहा कि जिन लोगों ने जेएनयू के सर्वर रूम पर कब्जा किया, तोड़फोड़ की, वार्डन के घर को घेरा, जो oct से अभी तक हिंसा में शमिल हैं उन पर एक्शन होना चहिए. 5 जनवरी को एम्स ट्रामा सेंटर में प्रियंका गांधी ने एबीवीपी के घायल छात्रों को छोड़कर सिर्फ लेफ्ट वालों का हालचाल पूछा. एबीवीपी के घायलों को जमीन पर बैठाया जाता है, लेफ्ट वालों को बेड पर. स्टूडेंट्स के बीच शीर्ष नेता प्रियंका का भेदभाव हैरान करने वाला था.

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इससे पहले हमला मामले में अपना नाम आने पर आईशी घोष ने कहा कि मुझे भारत के कानून-व्यवस्था पर पूरा विश्वास है. मुझे न्याय मिलेगा. आईशी घोष ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुझे इस देश की कानून-व्यवस्था पर पूरा भरोसा है कि जांच निष्पक्ष होगी. मुझे न्याय मिलेगा. इसके साथ ही आईशी घोष ने सवाल उठाते हुए कहा, लेकिन दिल्ली पुलिस पक्षपात क्यों कर रही है? मेरी शिकायत एफआईआर के रूप में दर्ज नहीं की गई है. मैंने कोई मारपीट नहीं की है. पुलिस पक्षपात कर रही है.

उन्होंने आगे कहा, 'हम हिंसा को रोकने के लिए होस्टल गए थे, हिंसा करने नहीं. उस वक्त वीसी के सुरक्षा गार्ड उस वक्त कहां थे? विवि में सुरक्षा गार्ड रहते छात्राओं के होस्टल में लड़के कैसे घुसे? उन्होंने आगे कहा, 'गृहमंत्री के कहने पर विवि में काम हो रहा है. 2 घंटे तक गृह मंत्रालय के दवाब में विवि में पुलिस नहीं आई. हमारे पास भी वीडियों है लेकिन पुलिस ने उसपर कार्रवाई क्यों नहीं की?'

उन्होंने आगे कहा कि हमलोगों ने कुछ गलत नहीं किया है. हम लोग दिल्ली पुलिस से डरे हुए नहीं है.हमलोग कानून के साथ खड़े हैं और लोकतांत्रिक तरीके से कदम उठाएंगे. हम कानून द्वारा खड़े होंगे और शांति और लोकतांत्रिक तरीके से अपने आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि Jnusu काउसिंल बैठक के बाद अगला कदम उठाया जाएगा. कन्हैया के सामने भी ऐसे ही झूठे वीडियो आए थे.