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JNU के छात्र संघ की प्रेसिडेंट आइशी घोष पर लगा जुर्माना, निष्कासित करने की चेतावनी

आरोप है कि इस दौरान JNU छात्र संघ की प्रेसिडेंट आई सी घोष एवं अन्य छात्र आकर शिप्रा हॉस्टल के वार्डन के साथ दुर्व्यवहार एवं गाली गलौज किया गया,साथ ही साथ अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया

Updated on: 18 Aug 2023, 12:52 PM

highlights

  • कुछ अन्य छात्रों पर भी लगा है जुर्माना 
  • प्रॉक्टोरियल इंक्वायरी में आईसी घोष को दोषी माना
  • 7 अप्रैल 2023 को शिप्रा हॉस्टल में हुए विवाद का है पूरा मामला

 

नई दिल्ली:

JNU के छात्र संघ के प्रेसिडेंट आई सी घोष के ऊपर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए प्रशासन द्वारा 10 हजार का जुर्माना लगाया गया है.इसके साथ ही सख्त हिदायत भी दी गई है कि अगर उन्होंने ऐसे कार्य दोबारा किया तो उन्हें यूनिवर्सिटी से निष्कासित भी किया जा सकता है, पूरा मामला इसी साल 7 अप्रैल का है जब शिप्रा हॉस्टल के वार्डन द्वारा रात को 1:00 बजे से लेकर 3:30 बजे तक हॉस्टल की जांच की जा रही थी. आरोप है कि इस दौरान JNU छात्र संघ की प्रेसिडेंट आई सी घोष एवं अन्य छात्र आकर शिप्रा हॉस्टल के वार्डन के साथ दुर्व्यवहार एवं गाली गलौज किया गया,साथ ही साथ अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया गया.

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इस मामले की शिकायत प्रशासन को दी गई इसके बाद प्रशासन द्वारा इस पर प्रॉक्टोरियल जांच बिठा दी गई.आखिर में 10 अगस्त को प्रशासन द्वारा एक पत्र जारी कर जेएनयू छात्र संघ की प्रेसिडेंट आईसी घोष एवं उनके अन्य साथी स्वाती एवं अन्य छात्रों को दोषी मानते हुए उन पर 10 हजार का जुर्माना लगाया गया है और दोबारा ऐसी हरकत नहीं करने की बात कही गई है, वरना हो सकता है उन्हें यूनिवर्सिटी से निष्कासित कर दिया जाए और इस 10 हजार को जमा करने की जो भी समय सीमा हो जो वक्त है वह 10 दिनों का दिया गया है। यानी 20 अगस्त तक आई सी घोष एवं अन्य छात्र जिनपर जुर्माना लगा है उसे जमा करके अधिकारियों को दिखाना अनिवार्य है, लेकिन इसी बीच प्रशासन द्वारा इस सजा  के विरोध में जेएनयू छात्रसंघ और लेफ्ट समर्थक छात्र इसका विरोध कर रहे हैं.

इस सजा को प्रशासन की दादागिरी बता रहे हैं. एक तरफ प्रशासन ने आई सी घोष के ऊपर जुर्माना 10 दिनों के अंदर जमा करने की बात कही गई है,तो दूसरी तरफ ऐसी घोषणा एवं स्थानीय छात्र संघ इस नोटिस के विरोध में प्रशासन को घेरने की तैयारी में जुट गई है. देखना यह है की छात्र और प्रशासन के बीच में खड़ा हुआ यह विवाद आगे क्या रंग लता है.

इस मामले के मद्देनज़र हमने जेएनयू की छात्र संघ की प्रेसिडेंट आई सी घोष से फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने बात नहीं की. हालांकि प्रशासन द्वारा जो यह नोटिस का पेपर है वो आई सी घोष द्वारा ही मीडिया को दिया गया है.बहरहाल ऐसा लगता है की एक बार फिर छात्र और प्रशासन के बीच में यह मुद्दा गरम होने वाला है,क्योंकि एक तरफ प्रशासन कैम्पस मे माहौल सौहार्द वातावरण के लिए नोटिस जारी कर चुकी है तो दूसरी तरफ छात्रों के विरोधाभास से लगता है कि वह किसी भी सूरत में इस जुर्माने को जमा नहीं करेंगे.