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JNU Student Protest: प्लान B पर काम करेंगे छात्र, HRD मंत्रालय से करेंगे बातचीत

फीस बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर प्रदर्शनकार कर रहे छात्रों को दिल्ली पुलिस बदरपुर स्थित एसपी ऑफिस ले गई है. यहां कई बसों में भरकर छात्र-छात्राओं को ले जाया गया. इस बार धारा-144 लगी होने के कारण दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों आगे नहीं बढ़ने दिया.

Updated on: 18 Nov 2019, 02:36 PM

नई दिल्ली:

फीस बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर प्रदर्शनकार कर रहे छात्रों को दिल्ली पुलिस बदरपुर स्थित एसपी ऑफिस ले गई है. यहां कई बसों में भरकर छात्र-छात्राओं को ले जाया गया. इस बार धारा-144 लगी होने के कारण दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों आगे नहीं बढ़ने दिया. अब जेएनयू छात्रों ने प्लान बी पर काम शुरू कर दिया है.
जेएनयू छात्रों ने एचआरडी मंत्रालय से बातचीत के बाद अगली रणनीति तैयार करने की बात कही है. फिलहाल छात्र जेएनयू कैंपस लौट आए हैं. दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान छात्रों को कॉलेज कैंपस के गेट तक वापस छोड़ गए. 

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तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी करेगी JNU मामले की जांच

मानव संसाथन विकास मंत्रालय ने जेएनयू मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. इस समिति में यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर वी एस चौहान, एआईसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल सहस्त्रबुद्धे और यूजीसी सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन को शामिल किया गया है. समिति जेएनयू छात्र और प्रशासन से बातचीत कर मामले का समाधान निकालेगी.

प्रदर्शन को रोकने के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से आधा किलोमीटर की दूरी पर बाबा गंगनाथ मार्ग पर हजारों की संख्या में दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान तैनात है. पहली पंक्ति में महिला पुलिस, दूसरी पंक्ति में पुरुष पुलिस के जवान और तीसरी और अंतिम पंक्ति में केंद्रीय पुलिस के जवान हाथों में लाठी लेकर मौजूद हैं. दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी डीसीपी और ज्वाइंट सीपी स्तर के आईपीएस अधिकारी भी मौके पर है. जिससे अगर बल प्रयोग को लेकर कोई भी फैसला लेना हो तो त्वरित गति से लिया जा सके.

मीडिया को दिल्ली पुलिस की तरफ से दिए गए हैं पास

दिल्ली पुलिस की ओर से मीडिया को कवरेज के लिए स्पेशल पास जारी किए गए हैं. मीडियाकर्मियों को हिदायत दी गई है कि वह गले में पास लगाकर रखें. साफ संकेत है कि दिल्ली पुलिस और जेएनयू छात्रों के बीच टकराव की संभवना है. ऐसे में बैरिकेडिंग के साथ-साथ वाटर कैनन और आंसू गैस के गोलों का भी इंजाम किया गया है. अगर यह बैरिकेड टूटा तो संसद भवन के आसपास बैरिकेडिंग और संसद भवन के पास के मेट्रो स्टेशन को भी कुछ समय के लिए बंद करवाया जा सकता है.