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JNU प्रशासन का बयान- छात्रों को मिल रहे लाभ जारी रहने की उम्मीद

JNU ने कहा, छात्रों के प्रतिनिधियों द्वारा डीन को ईमेल के जरिए भेजी प्रतिक्रियाओं पर एक उच्च स्तरीय समिति ने विचार किया और कुछ सिफारिशों भेजीं

Updated on: 26 Nov 2019, 08:44 AM

नई दिल्ली:

पिछले दिनों फीस बढ़ोतरी को लेकर जेएनयू छात्रों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. ये विरोध प्रदर्शन एक नवंबर से शुरू हुआ जिसने धीरे-धीरे हिंसक रूप ले लिया. प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने के बाद ये मुद्दा सोशल मीडिया पर भी कई दिनों तक छाया रहा. छात्रों का आरोप था कि वह फीस बढ़ोतरी को लेकर लगातार प्रशासन से बात करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन कोई भी उन्हें सुनने को राजी नहीं था जिसके बाद उन्होंने विरोध प्रदर्शन का फैसला लिया. हालांकि ये मामला अब थोड़ा ठंडा हो गया है लेकिन पूरी तरीके से शांत नहीं हुआ है.

इस बीच जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि छात्रों के प्रतिनिधियों द्वारा डीन को ईमेल के जरिए भेजी प्रतिक्रियाओं पर एक उच्च स्तरीय समिति ने विचार किया और कुछ सिफारिशों भेजीं. जेएनयू प्रशासन का कहना है कि इन सिफारिशों से छात्रों को लाभ पहुंचेगा.

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ऐसे में ये उम्मीद की जा रही है कि बीपीएल श्रेणी के छात्रों और अन्य छात्रों को मिल रहे लाभ जारी रहेंगे.

बता दें, इससे पहले जवाहरलाल नेहरू कैंपस के एडमिन ब्लॉक में एमएचआरडी द्वारा गठित हाई पावर कमेटी की बैठक हुई थी. बैठक में वीएन चौहान, यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल सहस्त्रबुद्धे, एसआईसीटी प्रोफेसर रजनीश और यूजीसी के सचिव मौजूद थे. जेएनयू छात्र संघ की तरफ से छात्र संघ के अध्यक्ष आयुषी घोष, उपाध्यक्ष साकेत मून, सचिव सतीश चंद्र यादव, सह सचिव एमडी दानिश के साथ करीब 30 काउंसलर भी मौजूद थे.

वहीं बैठक में यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार नहीं शामिल हुए थे. छात्रों की मांग थी कि वो भी इस बैठक में शामिल हो. एबीवीपी के काउंसलर पहले ही इस बैठक का बहिष्कार कर चुके हैं.

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इससे पहेल जेएनयू प्रशासन का कहना था कि यूनिर्विसिटी को 45 करोड़ का घाटा हो रहा है और घाटा बड़े पैमाने पर दिए जा रहे बिजली और पानी के शुल्क की वजह से है. इसके अलावा शिक्षकों की सैलरी देने के चलते भी यूनिर्विसिटी को नुकसान उठाना पड़ रहा है. प्रशासन का ये भी कहा है कि ये बात पूरी तरीके से गलत है कि जेएनयू हॉस्टल की फीस बढ़ाई गई है. हमने जेएनयू हॉस्टल की फीस नहीं बल्कि हॉस्टल का सर्विस चार्ज बढ़ाया है जो अब तक जीरो था. इसके साथ प्रशासन ने ये भी बताया कि यूनिवर्सिटी को हो रहे भारी नुकसान के चलते सर्विस चार्ज बढ़ाना आवश्यक था.