सांसद-विधायक वाले बयान पर जीतनराम मांझी को कानूनी नोटिस, सोमनाथ भारती ने मांगा जवाब

केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के एक सार्वजनिक बयान को लेकर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ भारती ने कानूनी नोटिस भेजा है. नोटिस में बयान को आपत्तिजनक बताते हुए स्पष्टीकरण की मांग की गई है. मामले पर फिलहाल मांझी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.

केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के एक सार्वजनिक बयान को लेकर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ भारती ने कानूनी नोटिस भेजा है. नोटिस में बयान को आपत्तिजनक बताते हुए स्पष्टीकरण की मांग की गई है. मामले पर फिलहाल मांझी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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Ravi Prashant
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पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती Photograph: (FB/Somnathbharti)

केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के एक सार्वजनिक बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ भारती ने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है. नोटिस में बयान से जुड़े कानूनी और संवैधानिक पहलुओं पर ध्यान दिलाया गया है.

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ऐसे बयानों से खराब होती है छवि

जानकारी के अनुसार, जीतनराम मांझी ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान सांसदों और विधायकों को लेकर सामान्य टिप्पणी की थी. इस बयान के बाद अलग-अलग राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. आम आदमी पार्टी का कहना है कि इस तरह की सामूहिक टिप्पणी से जनप्रतिनिधियों की छवि प्रभावित हो सकती है और ऐसे बयानों में सावधानी बरतना जरूरी है.

किसी भी वर्ग या व्यक्ति पर ऐसी टिप्पणी उचित नहीं

पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती की ओर से भेजे गए कानूनी नोटिस में कहा गया है कि किसी पूरे वर्ग या समूह पर बिना ठोस आधार के टिप्पणी करना मानहानि के दायरे में आ सकता है. नोटिस में यह भी जिक्र किया गया है कि सार्वजनिक पद पर बैठे लोगों के बयानों का समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ता है, इसलिए शब्दों का चयन सोच-समझकर किया जाना चाहिए.

नोटिस भेज स्पष्टीकरण का इंतजार

नोटिस के माध्यम से जीतनराम मांझी से उनके बयान पर स्पष्टीकरण देने का आग्रह किया गया है. साथ ही, तय समयसीमा के भीतर जवाब देने की बात भी कही गई है. यदि समय पर जवाब नहीं दिया जाता है, तो आगे उपलब्ध कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा सकता है.

फिलहाल, इस पूरे मामले पर राजनीतिक स्तर पर सीमित प्रतिक्रिया देखने को मिली है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करती है, लेकिन सार्वजनिक विमर्श में मर्यादा और जिम्मेदारी भी उतनी ही आवश्यक है. इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. उनके जवाब के बाद ही आगे की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.

AAP
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