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BESS Photograph: (News Nation)
दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने किलोकरी स्थित 33 केवी सबस्टेशन पर देश की पहली वाणिज्यिक रूप से स्वीकृत स्टैंडअलोन बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (Battery Energy Storage System - BESS) का उद्घाटन किया. इस प्रणाली को BSES राजधानी पावर लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है और यह दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी स्टैंडअलोन यूटिलिटी स्केल प्रणाली है, जिसकी क्षमता 20 मेगावाट/40 मेगावाट-घंटा है.
परियोजना का उद्देश्य केवल बिजली भंडारण नहीं
इस परियोजना का उद्देश्य केवल बिजली भंडारण नहीं, बल्कि दिल्ली में हर घर तक निर्बाध और किफायती बिजली पहुंचाना है. आशीष सूद ने कहा कि यह प्रणाली आधुनिकतम तकनीक पर आधारित है और इसे इंडीग्रिड, GEAPP और TERI के सहयोग से विकसित किया गया है. यह प्रणाली न केवल अक्षय ऊर्जा को अधिक प्रभावी तरीके से ग्रिड में एकीकृत करेगी, बल्कि पावर ग्रिड को स्थिर रखने और बिजली की अत्यधिक मांग के समय अतिरिक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने में भी मदद करेगी.
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एक लाख लोगों को सीधा लाभ
यह स्टैंडअलोन प्रणाली विशेष रूप से दक्षिणी दिल्ली के आश्रम क्षेत्र में लागू की जा रही है, जिससे लगभग एक लाख लोगों को सीधा लाभ मिलेगा. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यह प्रणाली उस समय कार्य करेगी जब सौर या पवन ऊर्जा उपलब्ध नहीं होती, अर्थात रात के समय या खराब मौसम में भी यह बिजली आपूर्ति बनाए रखेगी.
ग्रीन एनर्जी की राजधानी बनेगी दिल्ली
ऊर्जा मंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य दिल्ली को ग्रीन एनर्जी की राजधानी बनाना है. यह परियोजना स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम है.” दिल्ली सरकार द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी योजना भी शुरू की गई है. यदि कोई निवासी 3 किलोवाट का सोलर पैनल लगवाता है, तो केंद्र सरकार की ₹78,000 की सब्सिडी के साथ-साथ दिल्ली सरकार ₹30,000 की अतिरिक्त सब्सिडी देगी. इसके अलावा, आसान शर्तों पर 5% ब्याज पर ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा.
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इंफ्रास्ट्रक्चर के सशक्तिकरण की दिशा में कोई ठोस कार्य
आशीष सूद ने इस अवसर पर पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में दिल्ली के पावर इंफ्रास्ट्रक्चर के सशक्तिकरण की दिशा में कोई ठोस कार्य नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि केवल ‘लिफ्ट सर्विस’ जैसे छोटे-छोटे कार्य किए गए, जबकि DTL जैसी प्रमुख संस्थाओं को नजरअंदाज कर दिया गया. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यह परियोजना उस दिशा में पहला कदम है, जिसकी कल्पना “विकसित भारत की विकसित राजधानी” के रूप में की गई है. उन्होंने पूर्व ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल के प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि यह प्रोजेक्ट उन्हीं की पहल का परिणाम है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कार्य कर रही हैं.