पर्यावरण संरक्षण और सस्टेनेबल विकास को ध्यान मेँ रखते हुए दिल्ली सरकार ने देश का पहला 100 प्रतिशत ग्रीन ई-वेस्ट इको पार्क स्थापित करने की तैयारी अंतिम चरण में पहुंचा दी है. होलंबी कलां में बन रहे इस आधुनिक पार्क के लिए नॉर्वे और हांगकांग जैसे देशों के सफल ई-वेस्ट प्रबंधन मॉडलों का अध्ययन किया जा रहा है, ताकि इसे वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया जा सके.
परियोजना के लिए थर्ड-पार्टी विशेषज्ञ एजेंसी को नियुक्त किया गया है, जो दुनिया भर में ई-वेस्ट प्रबंधन के सफल उदाहरणों का अध्ययन कर रही है. नॉर्वे और हांगकांग के अत्याधुनिक, प्रदूषण-मुक्त ई-वेस्ट प्लांट्स को मॉडल बनाकर दिल्ली सरकार इस परियोजना को नेट ज़ीरो एमिशन, ज़ीरो लैंडफिल, और ISO 9000 जैसे कई अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण मानकों के अनुसार विकसित कर रही है.
पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि “हम सिर्फ एक ढांचा नहीं खड़ा कर रहे हैं, हम विश्वास और भविष्य बना रहे हैं. दिल्ली का ई-वेस्ट इको पार्क न सिर्फ टेक्नोलॉजी में सर्वश्रेष्ठ होगा, बल्कि पर्यावरण और रोज़गार के लिहाज से भी मील का पत्थर साबित होगा.”
परियोजना की विशेषताएं:
• ₹150 करोड़ की लागत से बनने वाला यह पार्क 11.4 एकड़ में फैला होगा.
• हर साल 51,000 मीट्रिक टन ई-वेस्ट प्रोसेस करने की क्षमता.
• अनुमानित ₹350 करोड़ का वार्षिक राजस्व.
• साइट का 33% क्षेत्र ग्रीन बेल्ट और 53% ओपन स्पेस, जो प्रदूषण नियंत्रण में सहायक होगा.
• पार्क के डिज़ाइन:
• ज़ीरो एमिशन और ज़ीरो लैंडफिल मॉडल
• कीमती धातुओं की आधुनिक रिकवरी प्रणाली
• डिजिटल ट्रैकिंग, वायु गुणवत्ता निगरानी
• अनौपचारिक श्रमिकों को फॉर्मल सेक्टर से जोड़ने की योजना
• घने पेड़ों की कैनोपी और आकर्षक हरित डिज़ाइन
इस मॉडल प्रोजेक्ट के लिए DSIIDC को नोडल एजेंसी बनाया गया है, जो जल्द ही RFQ-cum-RFP के तहत ग्लोबल टेंडर जारी करेगी. इसके माध्यम से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ग्रीन टेक्नोलॉजी पार्टनर्स को आमंत्रित किया जाएगा, ताकि यह पार्क न सिर्फ दिल्ली, बल्कि पूरे देश के लिए एक पर्यावरणीय प्रतीक बन सके.