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Anurag Srivastava, MEA( Photo Credit : ANI)
भारत और चीन (China) ने पूर्वी लद्दाख (east ladakh) विवाद के जल्द शांतिपूर्ण समाधान के लिये सैन्य और राजनयिक स्तर पर संवाद बनाये रखने पर सहमति जतायी है. विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह बात कही . विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव (Anurag Shrivastava) ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि दोनों पक्षों ने स्थिति के जल्द शांतिपूर्ण समाधान के लिये सैन्य और राजनयिक बातचीत करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने की भी बात कही है जो दोनों देशों के नेताओं के व्यापक मार्गदर्शन में हो .
उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने भी बात कही है . उन्होंने हालांकि इस इस सवाल का जवाब नहीं दिया जिसमें पिछले कुछ दिनों में पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग में संघर्ष के इलाकों से भारत और चीन दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने की खबर के बारे में पूछा गया था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जैसा कि आपको पता है कि छह जून 2020 को भारत और चीन के कार्प्स कमांडरों के बीच चूसूल-मोल्डो क्षेत्र में बैठक हुई थी . यह बैठक भारत-चीन सीमा से लगे क्षेत्रों में उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये दोनों पक्षों के बीच जारी राजनयिक और सैन्य संवाद जारी रखने के तहत हुई .
उन्होंने कहा कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि स्थिति का जल्द समाधान दोनों देशों के नेताओं के मार्गदर्शन को ध्यान में रखकर हो. प्रवक्ता ने कहा कि इसलिये दोनों पक्षों ने स्थिति के जल्द शांतिपूर्ण समाधान के लिये सैन्य और राजनयिक बातचीत करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने की बात कही.
उन्होंने कहा, ‘यह भारत चीन द्विपक्षीय संबंधों के और विकास के लिये आवश्यक है .’ सैन्य सूत्रों ने मंगलवार को दावा किया कि दोनों देशों की सेनाओं ने गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में गश्ती प्वांइट 14 और 15 पर पीछे हटना शुरू किया है और चीनी पक्ष दो क्षेत्रों में 1.5 किलोमीटर पीछे हटे हैं . भारत और चीनी सेना 5 मई से आमने सामने है.
Source : Bhasha