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गुरुवार को जब सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका खारिज की तभी साफ हो गया था कि दोषियों को फांसी पर चढ़ाए जाने का अब कोई रास्ता नहीं बचा है.

Updated on: 20 Mar 2020, 09:58 AM

नई दिल्ली:

सात साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार निर्भया को इंसाफ मिल गया. चारों दोषी अक्षय, पवन, विनय और मुकेश को शुक्रवार सुबह 5.30 बजे फांसी दे दी गई. गुरुवार को जब सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका खारिज की तभी साफ हो गया था कि दोषियों को फांसी पर चढ़ाए जाने का अब कोई रास्ता नहीं बचा है. इसके बाद से ही चारों दोषी बेचैन हो उठे थे. सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद फांसी तक चढ़ाए जाने की ये हैं प्रमुख खबरें.

बेचैन होकर अपने बैरक में घूम रहे निर्भया के दोषी, SC पहुंचे एपी सिंह
देश के बहुचर्चित निर्भया गैंगरेप (Nirbhaya Gangrape Case) और मर्डर केस एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. इस मामले में दोषियों के वकील एपी सिंह (AP Singh) ने फांसी रुकवाने के लिए गुरुवार देर रात 9 बजे दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Highcourt) में याचिका दायर की.

रात भर कोर्ट-कचहरी दौड़ते रहे एपी सिंह, लेकिन मुवक्किलों को फांसी से नहीं बचा पाए
निर्भया के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल की बैरक नंबर 3 में फांसी दे दी गई. इस मामले में दोषियों के वकील एपी सिंह फांसी से ठीक पहले तक रात भर कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाते रहे. एपी सिंह की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने रात में ढाई बजे सुनवाई भी की.

CCTV के जरिए पकड़े गए थे निर्भया के दरिंदे, साढ़े पांच बजे मिला इंसाफ
जिन दोषियों को फांसी पर लटकाया गया उनमें मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा(26) और अक्षय कुमार सिंह (31) थे. जबकि इस रेप केस में 6 आरोपी थे. एक आरोपी नाबालिग होने के कारण 3 साल की सजा के बाद बरी हो गया.