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भाषाओं और बोलियों की विविधता ही हमारे देश की ताकत-गृहमंत्री अमित शाह

हिंदी दिवस पर गृहमंत्री अमित शाह ने विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में की शिरकत, हिंदी के लिए कही बड़ी बात...

Updated on: 14 Sep 2019, 01:04 PM

नई दिल्ली:

राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में (Vigyan Bhawan, Delhi) हिंदी दिवस कार्यक्रम (Hindi Diwas Programme) में केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने हिस्सा लिया और अधिकारियों को पुरस्कार दिए. इसी के साथ गृहमंत्री ने ई सरल हिंदी वाक्य कोश और महाशब्दकोश भी लॉन्च किया. गृहमंत्री ने कहा कि भाषाओं और बोलियों की विविधता ही हमारे देश की ताकत है. लेकिन हमारे देश में एक भाषा का होना जरूरी है ताकि कोई बाहरी भाषा आकर देश में जगह न बना सके.

संविधान सभा के सदस्यों को मालूम था कि आने वाले सौ दो सौ साल तक हिंदी की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. भारत में 122 भाषाएं और 19500 बोलियां हैं, लेकिन हिंदी का स्थान अलग है. जो देश अपनी भाषा छोड़ देता है वह भौगोलिक रूप से भले ही जीवित रहे, लेकिन उसकी संस्कृति समाप्त हो जाती है.

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हमारा शब्दकोश 10000 साल से भी ज्यादा पुराना है. यही फर्क है भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी के बीच अंग्रेजी में अट्ठारह रिश्तो के लिए अंकल शब्द का प्रयोग किया जाता है, जबकि हिंदी में मौसा, चाचा, फूफा समेत अलग-अलग रिश्तो के अलग-अलग नाम है. ऐसे ही अंग्रेजी में मां मुल्क पत्नी सबकी प्रेम को लव कहा गया है अलग-अलग रिश्तो के साथ अलग-अलग भावनात्मक शब्दों का प्रयोग नहीं है. भारत ने सिर्फ अंग्रेजों को ही पराजित नहीं किया बल्कि अंगरेजियत को भी पराजित किया. यह अकेला ऐसा देश है, जहां अंग्रेजों के जाने के बाद भी भारतीय भाषाओं का वर्चस्व है.
लोकमान्य तिलक, विनोवा भावे, महात्मा गांधी का हिंदी में बड़ा योगदान रहा है. सरदार पटेल ने भी हिंदी के लिए बड़ी भूमिका निभाई थी. अमित शाह ने आधा दर्जन से ज्यादा बार कांग्रेस का नाम लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने सम्मेलनों में हिंदी को आगे बढ़ाने का काम किया. कांग्रेस के आंदोलनों से हिंदी को नई ताकत मिली अगर स्वतंत्रता आंदोलन से हिंदी को अलग कर दें तो उसकी आत्मा ही समाप्त हो जाएगी.

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लोकतंत्र में शासन की भाषा लोगों की भाषा होनी चाहिए, हिंदी होनी चाहिए. अटल बिहारी वाजपेई ने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण देकर हिंदी को एक अलग ऊंचाई तक पहुंचाया. सुषमा स्वराज ने यूएन के हिंदी ट्विटर अकाउंट को शुरू करवाया.
जब मैंने बतौर गृहमंत्री मंत्रालय संभाला तो पहले 10 दिनों में एक भी फाइल हिंदी में मीटिंग के लिए नहीं पहुंची और अब 60 फ़ीसदी फाइल एलॉटिंग के लिए हिंदी में ही पहुंचती है. उत्तर पूर्वी राज्यों में भी हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार काम कर रही है. हमारी कोशिश है कि न्याय क्षेत्र में भी हिंदी को आगे बढ़ाया जाए.