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NGT का बड़ा कदम: गाजीपुर डंप साइट में आग लगने के कारणों का पता लगाएगी उच्च स्तरीय समिति

Ghazipur landfill site: राजधानी में गाजीपुर लैंडफिल साइट पर बार बार भड़कने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि ये डंप साइट शहरी आबादी के बीच टाइम बम जैसी है

Updated on: 23 Apr 2022, 05:08 PM

नई दिल्ली:

Ghazipur landfill site: राजधानी में गाजीपुर लैंडफिल साइट पर बार बार भड़कने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि ये डंप साइट शहरी आबादी के बीच टाइम बम जैसी है, आखिर क्या वजह है कि वहां बार बार आग लग लग रही है, कारणों का पता लगाने और आग की घटनाओं को रोकने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( NGT )  ने हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस एस.पी. गर्ग के सुपरविजन में एक हाईलेवल कमेटी का गठन कर दिया है.

इस कमेटी में केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड (सीपीसीबी), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण सिमति (डीपीसीसी), शहरी विकास विभाग, पूर्वी दिल्ली नगर निगम, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण , डीएम और पूर्वी दिल्ली डीसीपी को शामिल किया गया है। ट्रिब्यूनल एक सप्ताह के भीतर इस कमेटी को बैठक करके आग से कारण और उससे निबटने पर विमर्श करने को कहा है। गाजीपुर लैंडफिल साइट से जुड़े सभी हितधारकों से विमर्श करके एक माह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश है।

ट्रिब्यूनल ने गाजीपुर लैंडफिल साइट पर बार-बार आग लगने की घटना पर स्वतः संज्ञान लिया है. बार बार आग लगने को सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिहाज से बेहद गंभीर माना है. एनजीटी के प्रमुख जस्टिस एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि दिल्ली ही नहीं अन्य शहरों में भी डंप साइट से लगातार मीथेन जैसी विस्फोटक और अन्य हानिकारक गैस निकलती हैं. ऐसे में दिल्ली में हालात और भी बिगड़ सकते हैं क्योंकि यहां घनी आबादी होने की वजह से लैंडफिल साइट पर कूड़े की मात्रा बहुत ज्यादा है. यह चिंता सिर्फ दिल्ली नहीं, बल्कि कई शहरों की है। जहां भी कचरे का सही तरीके से निपटारा नहीं किया जाता। ट्रिब्यूनल ने कहा कि वे कचरे के निस्तारण के लिए वैधानिक समय सीमा का सख्ती से पालन किए जाने की उम्मीद करते हैं.